G-7 SUMMIT : हिरोशिमा में पीएम मोदी से मिले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की

G-7 Summit: Ukraine’s President Zelensky met PM Modi in Hiroshima
हिरोशिमा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी शहर हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी पीएम फुमियो किशिदा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिकों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बाद पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच बैठक निर्धारित की गई थी। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच यह पहली आमने-सामने की बैठक थी।
जेलेंस्की से क्या बोले पीएम मोदी –

जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है। मैं इसे सिर्फ अर्थव्यवस्था या राजनीति का मुद्दा नहीं मानता। मेरे लिए यह मानवता का मुद्दा है। भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।
जी-7 सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात –
पीएम मोदी अपने तीन देशों के दौरे के पहले चरण में जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शुक्रवार को हिरोशिमा पहुंचे। इसके बाद वो पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे। जी-7 समूह के वर्तमान अध्यक्ष जापान के निमंत्रण के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति भी इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव ने खुलासा किया था कि जेलेंस्की जापान में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके पहले उनके वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने की खबर थी।
जी-7 में खूब गूंजा रूस-यूक्रेन युद्ध –
डेनिलोव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा कि हमें यकीन था कि हमारे राष्ट्रपति वहां होंगे जहां यूक्रेन को दुनिया के किसी भी हिस्से में उनकी जरूरत होगी, ताकि हमारे देश की स्थिरता के मुद्दे को हल किया जा सके। डेनिलोव ने कहा कि वहां बहुत महत्वपूर्ण मामलों का फैसला किया जाएगा, इसलिए भौतिक उपस्थिति हमारे हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।” बैठक में जी-7 देशों के नेताओं ने रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने और बहिष्कार पर बातचीत की है। इसमें यूक्रेन की सहायता को बढ़ाने पर भी सहमति बनी है।
युद्ध पर भारत का रुख साफ कर चुके हैं पीएम मोदी –
जब से यूक्रेन संघर्ष शुरू हुआ है, मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है। पिछले साल 4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ एक फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी विवाद का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सामने यह भी कहा था कि यह समय युद्ध का नहीं है। उनके इस बयान की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी थी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पीएम मोदी के इस बयान को दोहराया था।
क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनेगा भारत –
पीएम मोदी की जेलेंस्की के साथ मुलाकात के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा। भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। यूक्रेन युद्ध में भारत परोक्ष रूप से रूस का समर्थक रहा है, हालांकि खुलकर समर्थन भी नहीं किया है। भारत के यूक्रेन के साथ भी ठीक ठाक संबंध हैं। ऐसे में अगर भारत चाहे तो दोनों पक्षों को बैठाकर शांति वार्ता करा सकता है।