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CG FAKE ARCHITECT SCAM : 10 साल तक फर्जी आर्किटेक्ट के नाम पर पास होते रहे 400 से ज्यादा नक्शे, निगम की नींद अब टूटी”

CG FAKE ARCHITECT SCAM : More than 400 maps were passed in the name of fake architects for 10 years, now the corporation has woken up”

बिलासपुर, 31 जुलाई 2025। नगर निगम बिलासपुर में बीते 10 वर्षों से एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। विकास सिंह नामक व्यक्ति को आर्किटेक्ट मानते हुए निगम ने 400 से अधिक भवन नक्शे पास कर दिए, लेकिन सच्चाई यह है कि वह व्यक्ति आर्किटेक्ट था ही नहीं। विकास सिंह वास्तव में एक इंजीनियर है, वह भी बिलासपुर का नहीं। इस घोटाले की भनक तक निगम के भवन शाखा के अफसरों को नहीं लगी, जब तक कि आर्किटेक्ट एसोसिएशन ने खुलासा नहीं किया।

दरअसल, विकास सिंह ने वर्ष 2015 से 2025 के बीच सैकड़ों नक्शे पास कराए और भवन निर्माण की स्वीकृति भी ली। वह नगर निगम से लाइसेंस क्रमांक 234 पर पंजीकृत था, लेकिन वास्तु अधिनियम 1972 के अंतर्गत पंजीकृत आर्किटेक्ट नहीं था। बावजूद इसके उसने भवन निर्माण के लिए फर्जी शपथपत्र और सहमति पत्र देकर काम जारी रखा।

महक आहुजा के ऑनलाइन प्रपोजल नंबर 11209 में जब स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण किया गया, तब विकास सिंह को नोटिस जारी किया गया। जवाब न देने पर उसका लाइसेंस निलंबित कर उसे एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया।

टीएंडसी कनेक्शन भी उभरा –

इस घोटाले में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसी) विभाग का नाम भी सामने आ रहा है। आरोप है कि वहां के एक खटराल कर्मचारी ने विकास सिंह को आर्किटेक्ट की मान्यता दिलवाई और 150 से ज्यादा लेआउट फर्जी सील-सिक्के से पास करा लिए। इतना ही नहीं, एक ही दिन में 29 फाइलें मंजूर कर दी गईं।

अब पूरा फर्जीवाड़ा परत-दर-परत खुल रहा है। सवाल ये उठता है कि आखिर 10 साल तक नगर निगम और टीएंडसी विभाग के जिम्मेदार अफसर क्या कर रहे थे?

 

 

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