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तकनीकी उन्नयन से भी हो सकता है ऊर्जा का संरक्षण : डॉ चौबे

 
भिलाई। जिस अनुपात में आबादी बढ़ रही है और रोजमर्री के जीवन में इलेक्ट्रिक गजट्स की संख्या बढ़ रही है, उसका मुकाबला तकनीकी उन्नयन एवं ऊर्जा प्रबंधन से ही किया जा सकता है। उक्त बातें आज एमजे कालेज में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता के आरंभ में प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने कही। डॉ चौबे लम्यूमिनिसेंस के क्षेत्र में शोध कर रहे हैं।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य बल्ब, ट्यूबलाइट, सीएफएल और अब एलईडी बल्ब के जरिए हमने ऊर्जा की खपत को काफी हद तक कम कर लिया है। इसी तरह हीटर, माइक्रोवेव, इंडक्शन कुकर के जरिए हमने किचन में खर्च होने वाली बिजली खपत को कम किया है। बिजली से चलने वाले अन्य भारी घरेलू उपकरणों में बीईई स्टार रेटिंग होती है। जितने ज्यादा स्टार होते हैं, उसकी एफिशियेंसी उतनी अधिक होती है और बिजली की खपत कम होती चली जाती है। उन्होंने कहा कि हम बिजली का युक्तियुक्त उपयोग कर इसकी उपयोगिता को बढ़ा कर ऊर्जा संरक्षण में अपना योगदान कर सकते हैं।


डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने विद्यार्थियों को विद्युत के साथ ही जल की भी बचत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खपत में की गई कमी को परोक्ष रूप से बिजली पैदा करने में सहयोग कहा जा सकता है। उन्होंने घर पर बिजली और पानी की बचत के अनेक टिप्स देते हुए विद्यार्थियों से सजग रहकर ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग द्वारा आईक्यूएसी के सहयोग से आयोजित भाषण प्रतियोगिता में एमजे समूह के महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार बीएड प्रथम सेमेस्टर के सूरज तिवारी, द्वितीय पुरस्कार बी.फार्मा प्रथम सेमेस्टर की छात्रा आयुषी लिंगायत, तृतीय पुरस्कार बीकाम अंतिम के छात्र निशांत वर्मा को तथा सांत्वना पुरस्कार बीफार्मा प्रथम सेमेस्टर की छात्रा एकता श्रीवास्तव को प्रदान किया गया।

अपने विचार व्यक्त करने वाले अन्य विद्यार्थियों में बीफार्मा के ऋषि शर्मा, बीएड के देवेन्द्र, रघुनन्दन, तृणि चक्रबोर्ती, काजल सूर, बीकाम से आदित्य सोनी एवं आकांक्षा जायसवाल शामिल थे।
निर्णायक की भूमिका कम्प्यूटर साइंस विभाग की पीएम अवंतिका एवं रजनी कुमारी ने निभाई। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने की। धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक ममता एस राहुल ने किया।

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