
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। शनिवार को रायपुर जोनल ऑफिस की टीम ने पोर्शे केयेन कूप और मर्सिडीज-बेंज जैसी दो लग्जरी गाड़ियां जब्त कर लीं। ये गाड़ियां मोक्षित कॉर्पोरेशन के नाम पर पंजीकृत हैं, जो घोटाले के मुख्य आरोपी शशांक चोपड़ा और उनके पिता शांतिलाल चोपड़ा की पार्टनरशिप फर्म है।
दुर्ग छापे के बाद गाड़ियां सीज
में शशांक चोपड़ा और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारा गया था। उसी कार्रवाई के दौरान मिली जानकारी के आधार पर दोनों गाड़ियों को सीज किया गया। एजेंसी के अनुसार, यह गाड़ियां संदिग्ध स्रोत से अर्जित धन से खरीदी गई हैं। सूत्रों का कहना है कि अब जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा और हेल्थ सर्विसेज के कई बड़े अधिकारियों पर ED का शिकंजा कस सकता है।
FIR और चार्जशीट बनी आधार
Also Read – अभनपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 55 वर्षीय महिला के पास से 420 ग्राम गांजा बरामद ED की यह जांच ACB/EOW रायपुर की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई। एफआईआर और चार्जशीट में मोक्षित कॉर्पोरेशन के साथ-साथ CGMSC और डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DHS) के कई अधिकारियों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। चार्जशीट में साफ लिखा है कि शशांक चोपड़ा ने अधिकारियों से मिलकर टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की। फर्जी डिमांड तैयार की गई और मेडिकल उपकरण व रिएजेंट की सप्लाई मनमाने दामों पर की गई। इस पूरे खेल से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ और आरोपियों ने निजी लाभ कमाया।