
ELECTION COMMISSION LIVE : EC’s big attack on vote theft!
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर लगाए गए ‘वोट चोरी’ जैसे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग के लिए न कोई पक्ष है, न विपक्ष – सभी राजनीतिक दल और मतदाता समान हैं।
उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि “वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल गलत है। अगर किसी को शिकायत थी तो उसे अदालत में याचिका दाखिल करनी चाहिए थी।”
आयोग के दरवाजे सबके लिए खुले
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए हमेशा खुले हैं। मतदाता सूची में किसी तरह की त्रुटि पर समय रहते आपत्ति दर्ज कराई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की फोटो और पहचान सार्वजनिक करना उनकी निजता का उल्लंघन है।
झूठे आरोपों से भ्रम फैलाने की कोशिश
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ नेताओं की ओर से लगाए जा रहे आरोप सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश हैं। उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर सभी राजनीतिक दल, मतदाता और बूथ लेवल अधिकारी मिलकर पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग किसी मतदाता की बहू, बेटी या मां का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक कर सकता है? आयोग हर वर्ग गरीब, अमीर, महिला, बुजुर्ग, युवा और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।
सिर्फ भारतीय नागरिकों का वोट बनेगा
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के संविधान के अनुसार केवल भारतीय नागरिकों का ही वोट बनेगा। अगर किसी ने गलत दस्तावेजों के आधार पर नाम जुड़वाने की कोशिश की है तो 30 सितंबर तक जांच होगी और उनका नाम हटाया जाएगा।
पश्चिम बंगाल पर फैसला जल्द
वहीं, पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया कब शुरू होगी, इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि समय आने पर इसकी आधिकारिक तारीखों की घोषणा की जाएगी।