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दुर्ग निगम ने 7 परिवारों को थमाया बेदखली का नोटिस, नोटिस से आहत एक शख्स ने की आत्महत्या

दुर्ग नगर निगम प्रशासन के जारी बेदखली नोटिस से हरिजनपारा में रहने वाले 7 परिवारों में दहशत का माहौल है। इस दहशत के चलते एक अधेड़ ने गले और हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली। वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि कब्जा भूखंड दुर्ग सहकारी विपणन प्रक्रिया समिति को आवंटित है। जिसके आवेदन के आधार पर नोटिस की कार्रवाई की गई है।

60 साल तक नहीं आई सुध

जिस जमीन को लेकर पिछले दिनों नोटिस जारी किया गया है वो सहकारी समिति को आवंटित है। लेकिन पिछले 60 साल से समिति ने इस पर कब्जा नहीं लिया। वहीं इस जमीन पर जो लोग आकर बसे उन्हे शासन ने पट्टा दे दिया।  सभी परिवारों का कहना है कि उनका खानदान पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से यहां काबिज है। साथ ही उनके पास राजस्व विभाग द्वारा जारी नजूल का पट्टा भी है। जिसका नवीनीकरण हाल में कराया गया है। जिस व्यक्ति ने आत्महत्या की उसने अपनी जमीन के नाम 8 लाख का लोन लेकर घर बनवाया था। लेकिन नोटिस मिलने के बाद से वो परेशान था। बिनेश की मृत्यु के बाद से वाल्मीकि समाज में गुस्सा है। समाज के लोगों ने इस मुद्दे को लेकर सिटी कोतवाली का घेराव किया गया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।

1961 में हुआ था विभाग को आवंटन

इस मामले में सीएसपी जितेन्द्र कुमार यादव का कहना है कि फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया है।यह भूखंड दुर्ग सहकारी विपणन एंव प्रक्रिया समिति को आवंटित है। राजस्व विभाग ने संस्था को वर्ष 1961 में हरिजन पारा में 10000 वर्ग फुट जमीन का आवंटन किया था। जिसके बाद से अब तक संस्था ने भूखंड का आधिपत्य लेने की कोशिश नहीं की। अचानक 13 सितंबर 2021 को समिति के अध्यक्ष घनश्याम दिल्लीवार ने निगम में भूखंड को खाली कराए जाने का आवेदन दिया। जिसके बाद निगम प्रशासन ने आनन फानन में बिना जांच के बेदखली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी । जिससे एक व्यक्ति की जान चली जाती है।

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