कोरबा : सुरक्षा एजेंसियों की मौन सहमति एसईसीएल पर भारी पड़ रही है। चोरों का गिरोह कोयला खदानों में धावा बोलकर सामान की चोरी कर रहा है। खदानों में सुरक्षा इतनी लचर है कि चोरों का गिरोह बाइक और ऑटो में डीजल की चोरी करके बाहर निकल जा रहा है। डीजल को बाजार में बेच रहा है। इससे कोयला कंपनी को हर माह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। बीती रात चोरों का गिरोह एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में डीजल चोरी करने घुसा था। खदान के भीतर वर्कशॉप नंबर- 01 में खड़ी गाड़ियों से डीजल चोरी करके जेरीकेन में भर रहा था। इस बीच पुलिस को सूचना मिली। पुलिस ने खदान क्षेत्र के बाहर पट्टा लाइन के किनारे चोरों के रास्ते में घेराबंदी किया।
आधी रात पुलिस को एक ऑटो और बाइक पर आते हुए कुछ युवक दिखाई दिए। पुलिस ने ऑटो रोकने का प्रयास किया। इसपर सवार लोग उतरकर भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने घेराबंदी करके चार लोगों को पकड़ लिया। उनकी तलाशी ली गई। ऑटो में अलग अलग जेरीकेन मिला। इसमें डीजल भरा गया था। दो बाइक पर सवार युवक भी जेरीकेन में डीजल के साथ पकड़े गए। पुलिस ने डीजल को जब्त कर लिया है।
पकड़े गए आरोपियों में सुनील चौहान उम्र 32 वर्ष कोहड़िया, सोनू उर्फ शहनाज मेमन उम्र 38 निवासी रामसागरपारा कोरबा, आलोक सागर उम्र 19 वर्ष पुरानी बस्ती कोरबा और काली जोगी उम्र 32 वर्ष शामिल है। जोगी भी पुरानी बस्ती का रहने वाला है। पुलिस ने गिरोह से 14 जेरीकेन में लगभग 500 लीटर जब्त किया है। आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। मजिस्ट्रेट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। पूछताछ में गिरोह नेे खदान में घुसकर कई बार डीजल की चोरी करना स्वीकार किया है।
सुरक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी परिणाम से कंपनी संतुष्ट नहीं है। एसईसीएल की ओर से कोयला खदानों की सुरक्षा के लिए विभागीय सिक्यूरिटी गार्ड, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जाती है। खदान के भीतर तीन- तीन एजेंसियां सुरक्षा संभाल रही है। एसईसीएल की संपति को चोरों से बचाने का दावा करती हैं। लेकिन खदानों से डीजल चोरी की घटनाएं थम नहीं रही है।