संक्रमण का खतरा: नेशनल हाइवे पर फेंका जा रहा अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट, गुजरने वाले लोग हो रहे परेशान
महासमुंद। अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम नेशनल हाइवे के किनारे फेंक दिया गया है, जिससे इंसानों के साथ-साथ अन्य जीव-जंतु भी गंभीर बीमारी के चपेट में आ सकते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य अमला मामले की जानकारी आने के बाद जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है.
जिला मुख्यालय से महज 5 किमी की दूरी पर नेशनल हाइवे 353 पर सड़क के किनारे लगभग 40-50 पैकेट में अस्पतालों से निकले वाला बायो मेडिकल वेस्ट खुलेआम फेंक दिया गया है. इसमें उपचार के दौरान इस्तेमाल बैंडेज, सिरिंज, दवाओं और ड्रीप की खाली बोतलें, मास्क, हैण्ड ग्लबस, प्लास्टर पट्टी, ऑपरेशन के दौरान निकलने वाले मेडिकल वेस्ट शामिल है. यह मेडिकल वेस्ट इतना बदबू दे रहा है कि गुजरने वाला अपनी नाक-मुंह बंद करने को मजबूर हैं.
यह बायो मेडिकल वेस्ट लगभग एक हफ्ते से पड़ा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इस बात का पता ही नहीं है. नियमानुसार सरकारी और निजी अस्पताल प्रबंधन खुले में मेडिकल वेस्ट नहीं फेंक सकते हैं. या तो इसे शासन द्वारा निर्धारित एसएमएस कंपनी को देगा या फिर निर्धारित मापदंड के अनुसार, सार्प पीट या डीप पीट दो अलग- अलग गड्ढे खोदकर डिकम्पोज करेगा. परन्तु यहां नियमों की धज्जिया उड़ाते हुए अस्पताल प्रबंधन खुलेआम सड़कों के किनारे फेंक रहे हैं.
मामले में स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. छत्रपाल चन्द्राकर का कहना है कि इस तरह का कृत्य नियम के विरुद्ध है. मामले की जांच कराई जाएगी, और जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस तरह के बायो मेडिकल वेस्ट से मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.