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CRIME BREAKING : ताई के 10 टुकड़े, भतीजे ने लाश ठिकाने लगाने ली गूगल मैप की मदद !

CRIME BREAKING: 10 pieces of Tai, nephew took the help of Google Map to hide the dead body!

राजस्थान के जयपुर में सरोज शर्मा हत्याकांड में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. इसी के क्रम में एक और चौंकाने वाला सच सामने आया है. पुलिस जांच में पता चला है कि महिला की हत्या कर 10 टुकड़े करने वाले भतीजे ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए गूगल मैप की मदद ली थी. इतना ही नहीं बड़ी ही चालाकी से वो सच्चाई को छिपाने की कोशिश करता रहा. पुलिस का कहना है कि जिस तरह उसने मामूली सी बात पर अपनी ताई के टुकड़े किए वो बताता है कि आरोपी साइको है.

गौरतलब है कि शहर में विद्याधरनगर इलाके के लालपुरिया अपार्टमेंट सेक्टर-2 में 11 दिसंबर को अनुज ने अपनी ताई सरोज शर्मा (64) के सिर पर हथौड़े से वार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद जंगल में लाश फेंकने से पहले उसने बाथरूम में मार्बल कटर मशीन से शव के 10 टुकड़े किए थे.

लाश ठिकाने लगाने के लिए गूगल मैप की मदद ली –

इसके बाद अनुज हार्डवेयर की दुकान से मार्बल कटर मशीन लाया और लाश के 10 टुकड़े किए. जिन्हें एक बैग में भरे. इन टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए उसने गूगल मैप की मदद ली. मामले का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें अनुज घर से सूटकेश ले जाता हुआ दिख रहा है.

सिर और पंजे को एक स्थान पर फेंका –

“जांच और पूछताछ में सामने आया है कि शव टुकड़े करने के बाद अनुज दिल्ली रोड पर जंगलों में पहुंचा. यहां उसने अलग-अलग जगह टुकड़े ठिकाने लगाए. शातिर ने महिला का सिर और पंजे को एक स्थान पर फेंका, दूसरी जगह धड़ और तीसरी जगह हाथ-पैर के हिस्सों को ठिकाने लगाया”.

शरीर के अन्य अंगों की तलाश कर रही पुलिस –

पुलिस ने आरोपी अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य को गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही जंगल से शरीर के कुछ हिस्से भी बरामद कर लिए गए हैं. पुलिस अभी महिला के शरीर के अन्य अंगों की तलाश कर रही है. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार और अन्य सामान बरामद कर लिया है.

संपन्न परिवार से है अनुज उर्फ अचिंत्य –

आरोपी अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य गोविंददास (32 साल) एक संपन्न परिवार से है. उसके पिता एक बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद से रिटायर हो चुके हैं. वह अपनी ताई सरोज शर्मा (64), पिता, तीन चचेरे भाइयों, 2 चचेरी बहनों और एक भाई के साथ रहता था.

अपना नाम अचिंत्य गोविंददास रखा –

उसने एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी. इसके बाद कुछ समय एक निजी कंपनी में काम भी किया, लेकिन नौकरी छोड़कर वह ब्रह्मचारी जीवन जीने लगा था. उसने हरे कृष्णा मूवमेंट से प्रभावित होकर 2012-13 में नौकरी छोड़ दी थी और एक मंदिर से जुड़ गया था. यहीं उसने अपना नाम अचिंत्य गोविंददास रख लिया था.

 

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