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राज्यसभा में भावुक हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कहा -इस माहौल में मैं और ज्यादा जीना नहीं चाहता

नई दिल्ली। संसद सत्र में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक अलग रूप देखने को मिला। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे अचानक भावुक हो गए। दरअसल, मंगलवार (30 जुलाई) को राज्यसभा में भाजपा नेता घनश्याम तिवारी मल्लिकार्जुन के नाम पर टिप्पणी की थी जिसे लेकर खरगे काफी आहत नजर आए। खड़गे ने बुधवार को भावुक होकर सभापति से भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी द्वारा उनके राजनीतिक सफर के बारे में सदन में की गई कुछ टिप्पणियों को सदन से हटाने का आग्रह भी किया।

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह घनश्याम तिवारी द्वारा मंगलवार को सदन में की गई टिप्पणियों पर गौर करेंगे और आश्वासन दिया कि कांग्रेस नेता को ठेस पहुंचाने वाली कोई भी बात रिकॉर्ड में नहीं रहेगी। बता दें कि बीजेपी सासंद घनश्यान तिवारी ने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर कुछ टिप्पणी की थी और उनके ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाया था। आज जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और उन्होंने कहा कि उनके मां-बाप ने उनका नाम बहुत सोच समझकर रखा था।

घनश्याम तिवारी पर लगाया परिवारवाद का आरोप

राज्यसभा में भावुक हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कहा -इस माहौल में मैं और ज्यादा जीना नहीं चाहता

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनका नाम उनके पिता ने सोच समझकर ही रखा है। उनके पिता चाहते थे कि 12 ज्योतिर्लिंग में से एक उनके बेटे का नाम हो। घनश्याम तिवारी को उनके नाम से क्या दिक्कत है, जो उन्होंने ऐसा बोला? खरगे ने कहा कि घनश्याम तिवारी ने परिवारवाद का भी आरोप लगाया है, जबकि वह अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले सदस्य हैं।

अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप लगने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कल जब मैं सदन में नहीं था तब घनश्याम तिवारी जी ने एक समस्या उठाई। तिवारी जी ने मुझ पर परिवारवाद के आरोप लगाए। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पॉलिटिक्स में मेरा पहला जेनरेशन है। इसके पीछ मेरे बाप नहीं थे और मेरी मां नहीं थी। मां के बाद मेरे पिताजी ने मुझे पाला है। यहां तक मैं उनके आशीर्वाद से पहुंचा हूं।

मैं इस माहौल में जीना नहीं चाहता :मल्लिकार्जुन खरगे

राज्यसभा में अपनी बात रखते समय खरगे का गला भर आया। इस दौरान उन्होंने ये तक कह दिया कि सभापति जी इस माहौल में मैं और जिंदा जीना नहीं चाहता। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप अभी और जिएंगे, आप इससे भी आगे जाएंगे।

खरगे ने आगे कहा कि मुझे बुरा लगा कि तिवारी जी ने कहा कि मैं परिवारवाद से हूं। मल्लिकार्जुन शिव का नाम है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मेरे बाप ने बहुत सोच कर रखा था मेरा नाम। लेकिन मैं अकेला अपने परिवार से पॉलिटिक्स में आया हूं। मुझे नहीं पता कि इन्हें क्या दिक्कत है। मेरे बारे में ऐसा क्यों कहा?

घनश्याम तिवारी ने क्या कहा था?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन को बताया कि बीजेपी सांसद घनश्यान तिवारी ने कहा कि उनका नाम मल्लिकार्जुन है, जो कि शिव का नाम है। उनका नाम शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। तिवारी के इसी बयान पर मल्लिकार्जुन खरगे नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि ये नाम उनके पिता ने सोम समझकर ही रखा है। वह नहीं जानते कि घनश्यान तिवारी ने ऐसा क्यों कहा।

 

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