CG TEACHERS SALARY : Salary cut cancelled for teachers recruited in 2019, to get 100% salary
बिलासपुर, 21 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 2019 के भर्ती विज्ञापन के तहत नियुक्त शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें इन शिक्षकों की सैलरी स्टाइपेंड नीति के नाम पर घटा दी गई थी। अदालत ने साफ कहा कि 2019 की भर्ती पर 2020 की नई नीति लागू नहीं हो सकती। इसके साथ ही शिक्षकों को जॉइनिंग की तारीख से पूर्ण वेतन, पे-प्रोटेक्शन और पूर्व सेवा का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
याचिकाकर्ताओं अमृत लाल साहू, रवि कुमार श्रीवास, मनोज मनहर, जितेश कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि 2019 के विज्ञापन में दो साल प्रोबेशन के दौरान 100 प्रतिशत बेसिक पे का उल्लेख था। लेकिन जुलाई 2020 में सरकार ने नया आदेश जारी कर पहले वर्ष 70%, दूसरे वर्ष 80% और तीसरे वर्ष 90% वेतन देने का नियम लागू कर दिया। जबकि पूरी चयन प्रक्रिया 2019 के नियमों के आधार पर ही पूरी हुई थी। इससे नए नियुक्त शिक्षकों के वेतन में भारी कमी हो गई थी।
राज्य सरकार ने तर्क दिया कि नियुक्ति आदेश 2020 की नीति लागू होने के बाद जारी किए गए, इसलिए नई शर्तें लागू होंगी। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि चयन 2019 के विज्ञापन के अनुसार हुआ था, इसलिए बाद में नियम बदलकर नई शर्तें थोपना कानूनन गलत है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कई उम्मीदवार पहले से सरकारी सेवा में थे और इस्तीफा देकर नई नौकरी पर आए। ऐसे मामलों में उनकी सेवा को ब्रेक नहीं माना जा सकता और उन्हें वेतन संरक्षण तथा अन्य सभी सेवा लाभ मिलेंगे।
हाईकोर्ट ने 2023 में स्टाइपेंड समाप्त कर फिर से 100 प्रतिशत बेसिक पे लागू करने वाले आदेश में ‘नो एरियर’ प्रावधान को भी अव्यावहारिक बताया। अदालत ने कहा कि जब कर्मचारी लगातार सेवा दे रहा है, तो उसे वास्तविक आर्थिक लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।
इस फैसले के बाद 2019 भर्ती के सभी शिक्षकों को जॉइनिंग से ही 100 प्रतिशत बेसिक पे, पे-प्रोटेक्शन और पूर्व सेवा का लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। यह फैसला पूरे प्रदेश के हजारों शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है।
