CG WEATHER : Effect of ‘Ditvah’ in Bastar, warning of heavy rain!
रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ का असर अब छत्तीसगढ़ तक दिखाई देने लगा है। बस्तर संभाग के कई इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं, जबकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान 1 से 3°C तक बढ़ सकता है, जिसके बाद फिर गिरावट दर्ज होने की संभावना है।
दुर्ग सबसे गर्म, अंबिकापुर सबसे ठंडा
पिछले 24 घंटों में प्रदेश का सबसे अधिक तापमान 30.8°C दुर्ग में और सबसे कम 8.0°C अंबिकापुर में रिकॉर्ड किया गया। सरगुजा संभाग में शीतलहर जारी है और कई स्थानों पर घना कोहरा छाया हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
तापमान में तेजी से हो रहे बदलाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। अचानक गिरते-बढ़ते तापमान से वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ सकता है। लोगों से जरूरी होने पर ही बाहर निकलने और गर्म कपड़े पहनने की अपील की गई है।
मलेरिया का खतरा बढ़ा, मच्छरों के लिए अनुकूल तापमान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान तापमान मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के लिए अनुकूल है। आने वाले 8 दिनों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा, खासकर ग्रामीण और जंगल क्षेत्रों में। छत्तीसगढ़ में इस समय प्लास्मोडियम विवैक्स के बढ़ने की संभावना अधिक बताई गई है।
डॉक्टरों की सलाह – सतर्क रहें, मच्छरों से बचाव जरूरी
• शाम के बाद मच्छरदानी, कॉइल या लिक्विड का उपयोग करें
• घर में पानी जमा न होने दें
• बच्चों को फुल स्लीव कपड़े पहनाएं
• बुखार, सिरदर्द या ठंड लगने पर तुरंत टेस्ट कराएं
इम्यूनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय
• भाप लेना बंद नाक और सर्दी में राहत देता है
• नमक-पानी के गरारे गले की खराश में फायदेमंद
• विटामिन C युक्त फल संतरा, नींबू, आंवला-डाइट में शामिल करें
• अदरक-तुलसी की चाय और काढ़ा संक्रमण से बचाव में असरदार
ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी टूटे थे नवंबर में
नवंबर 1935 में सबसे अधिक तापमान 35.6°C, और 1883 में सबसे कम 8.3°C दर्ज हुआ था। 1924 में नवंबर महीने में 138.2 मिमी सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी। प्रदेश में बदलते मौसम और बढ़ते वायरल खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
