CG POLITICS : एसीबी की FIR में चिंतामणि महाराज का नाम गायब, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
CG POLITICS: Chintamani Maharaj’s name missing in ACB’s FIR, Congress raised questions
रायपुर। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए चिंतामणि महराज को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि जिस चिंतामणि पर कांग्रेस में रहते हुए कोल घोटाले का आरोप लगा। उन्हें आरोपित भी बनाया गया था और भाजपा में जाते ही उनके सारे दाग कैसे धुल गए ?, कांग्रेस ने बाकी आरोपितों की तरह महराज पर भी एफआइआर करने की मांग की है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकाल के के दौरान ईडी ने कांग्रेसी नेताओं पर मामला दर्ज किया। घोटालों के आरोप लगाए गए, लेकिन राज्य व केंद्र सरकार के बीच किस तरह मिलीभगत है, इसका अंदाजा इस चिट्ठी से लगाया जा सकता है, जिसमें 11 जनवरी 2024 को एसीबी को ईडी ने पत्र लिखा है।
एसीबी की एफआइआर में चिंतामणि महाराज का नाम गायब –
ईडी के पत्र में 10वें नंबर पर पूर्व कांग्रेसी नेता चिंतामणि महाराज का नाम था, लेकिन एसीबी की एफआइआर में चिंतामणि महाराज का नाम गायब है। कांग्रेस ने कहा कि चिंतामणी महराज जो कांग्रेस के विधायक थे। अब भाजपा में शामिल होकर भाजपा से सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार है।
जैसे ही मोदी के वाशिंग मशीन में डाले गए उनके सारे पाप धुल गए। भाजपा में शामिल होते ही वे ईमानदार हो गए। तथाकथित कोल घोटाले में चिंतामणि महाराज का नाम है। उन पर पांच लाख रुपए लेने का आरोप भी लगा था।बतादें कि भाजपा ने चिंतामणि को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया है।
35 पर एफआइआर और चिंतामणि को छोड़ा: शुक्ला –
पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी ने तथाकथित कोल घोटाला को लेकर तीन सालों तक जांच किया और जब कुछ हासिल नहीं कर पाई तो ईडी ने राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो को 11 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर इस मामले में एफआइआर दर्ज करने को कहा।
इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोल घोटाले को लेकर विस्तृत ब्यौरा भी दिया तथा इसमें कुछ लोगों के नाम भी सौंपे गए, जिनके विरूद्ध एफआइआर दर्ज किए जाने को कहा गया था। एक पत्र के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है तो फिर चिंतामणी महराज का नाम एफआइआर से बाहर क्यों किया गया, इसीलिए कि वे भाजपा में शामिल हो गए हैं।