Trending Nowशहर एवं राज्य

CG NEWS : छत्तीसगढ़ विश्व मच्छर दिवस के मौके पर राज्य मलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए तैयार

CG NEWS : On the occasion of World Mosquito Day, the state is ready to step up efforts to eradicate malaria.

रायपुर। दुनिया की सबसे गंभीर संक्रामक बीमारियों में से मलेरिया डेंगू एवं जापानीज इंसेफिलाईटिस जैसी बीमारियाँ मच्छर के काटने से फैलता है I मलेरिया एवं अन्य मच्छर जनित बिमारियों और इसके कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए ज़रूरी है कि हम इससे बचने के लिए ऐहतियाती कदम उठाएं। इस विश्व मच्छर दिवस, यानि 20 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ सभी के लिए मच्छर जनित रोगों के उन्मूलन के प्रयासों के लिए तैयार है।

छत्तीसगढ़ मलेरिया के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज करने वाले पांच भारतीय राज्यों में से एक है। 2019 में देश भर में मलेरिया के कुल मामलों में से 45.47 फीसदी मामले इसी राज्य में दर्ज किए गए। हालांकि, 2017-2021 के बीच छत्तीसगढ़ में साल-दर-साल मलेरिया के मामलों में 79 फीसदी की कमी आई है। निरंतर सफलता के चलते राज्य अब मलेरिया उन्मूलन की दृष्टि से तीसरे वर्ग के राज्य से आगे बढ़कर दुसरे वर्ग के राज्य की सूची में आ गया है।

भारत सरकार ने महामारी के चरम पर होने के बावजूद भी मलेरिया की रोकथाम के लिए कड़ी मेहनत जारी रखी है। इन्हीं प्रयासों के चलते देश में मलेरिया के मामलों में लगातार गिरावट आई जब अन्य देशों में ये मामले तेज़ी से बढ़ रहे थे। देश में मलेरिया के मामले 2004 में 1.92 मिलियन थे जो 2014 में कम होकर 1.1 मिलियन हो गए- इस तरह दस सालों में कुल मामलों की संख्या में 76 फीसदी गिरावट आई है। इसी तरह मलेरिया के कारण होने वाली मौतों की संख्या 949 से 40.8 फीसदी कम होकर 562 पर आ गई है। ये आंकड़े मलेरिया उन्मूलन की दिशा में भारत के प्रयासों की पुष्टि करते हैं।

छत्तीसगढ़ में भी मलेरिया का बोझ कम करने और इसके उन्मूलन की दिशा में प्रयास जारी हैं। राज्य का ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ प्रोग्राम ऐसा ही एक हस्तक्षेप है, जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मी मलेरिया के मामलों में कमी लाने, दवाओं एवं नैदानिक सेवाओं की सुलभता बढ़ाने के लिए काम करते हैं। प्रोग्राम के माध्यम से राज्य में मलेरिया के मामलों और सालाना पैरासिटिक मामलों में कमी आई है। मलेरिया पर नियन्त्रण पाकर राज्य ने अपने लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण के स्तर में भी सुधार किया है, खासतौर पर आदिवासी लोगों के स्वास्थ्य एवं एनीमिया जैसी क्रोनिक बीमारियों की स्थिति में सुधार आया है।

इस साल विश्व मच्छर दिवस के मौके पर हमें सामुदायिक गतिविधियों जैसे वेक्टर नियन्त्रण और नीति निर्माण द्वारा मलेरिया उन्मूलन की प्रतिबद्धता को नवीकृत करना है।
स्थानिकमारी वाले राज्यों में आज भी मलेरिया का बोझ सबसे अधिक है, जहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभता चुनौती है, खासतौर पर कोविड के बाद स्वास्थ्यसेवाओं की सुलभता और भी गंभीर हो गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उम्मीद है कि मलेरिया और इसकी वजह से होने वाली मौतों की रोकथाम के बारे में जागरुकता बढ़ाकर भारत को 2030 तक मलेरिया मुक्त करने के प्रयासों में योगदान दिया जा सकता है।

 

IMG-20250108-WA0013
IMG-20250313-WA0031
IMG-20250108-WA0014
IMG-20250313-WA0030
holi-advt01
advt02-march2025
advt-march2025
Share This: