CG NEWS: Education department official becomes ‘Quack doctor’ in Shakti
सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले से शिक्षा विभाग की एक और गंभीर लापरवाही सामने आई है। डभरा विकासखंड के BEO (विकासखंड शिक्षा अधिकारी) श्यामलाल वारे पर आरोप है कि वे सरकारी जिम्मेदारियों को छोड़कर अवैध रूप से निजी क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं। बिना किसी मेडिकल डिग्री और रजिस्ट्रेशन के इलाज कर रहे BEO अब शिक्षा विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, BEO श्यामलाल वारे न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि अपने सरकारी आवास में ही अवैध रूप से क्लीनिक चला रहे हैं। न उनके पास किसी प्रकार की मेडिकल डिग्री है, न ही क्लीनिक के लिए वैध अनुमति या पंजीयन। बावजूद इसके, वे खुलेआम लोगों का इलाज कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की जानमाल को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
न मेडिकल डिग्री, न रजिस्ट्रेशन — फिर भी इलाज जारी
बताया जा रहा है कि श्यामलाल वारे ने न तो अपने क्लीनिक का स्वास्थ्य विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाया है, और न ही अपने विभाग के उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी है। बीईओ जैसे संवेदनशील पद पर बैठा व्यक्ति शासन को लाखों का चूना तो लगा ही रहा है, साथ ही गैरकानूनी चिकित्सा गतिविधियों में शामिल होकर कानून की खुली अवहेलना कर रहा है।
क्या कहता है नियम?
सरकारी अधिकारी का दूसरी सेवा या व्यवसाय में संलिप्त होना नियमों के खिलाफ है। शिक्षा अधिकारी जैसे पद पर रहते हुए मेडिकल पेशे में बिना योग्यता के शामिल होना न केवल सेवा शर्तों का उल्लंघन है, बल्कि मेडिकल एक्ट का भी गंभीर उल्लंघन है।
अब देखने वाली बात होगी कि शासन और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। शिक्षा विभाग की चुप्पी और स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
