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CG BREAKING: Rs 3 crore missing from government treasury
गरियाबंद। सरकारी पैसों की हेराफेरी करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मामले में अफसर व कर्मी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। मैनपुर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है।
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2016 से 2019 तक स्वास्थ्य कर्मी के नाम पर फर्जी तरीके से ट्रेजरी से पैसे निकाले गए थे। इंक्रीमेंट, एरियर्स का बोगस फाइल बनाकर 3 करोड़ 13 लाख 13 हजार 971 रुपए निकाले गए थे।
तत्कालीन 3 जिला कोषालय अधिकारी, बीएमओ समेत कुल 11 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले के खुलासे के बाद भी 4 साल तक मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन अब इस मामले में कार्रवाई की गई है।
जिन अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें तत्कालीन बीएमओ के.के. नेगी, तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी गुरुवेंद्र साव (वर्तमान में बेमेतरा कोषालय अधिकारी), डीपी वर्मा (वर्तमान में महासमुंद कोषालय अधिकारी), के.के. दुबे (वर्तमान में बलौदा बाजार कोषालय अधिकारी) को आरोपी बनाया गया है।
.इसके अलावा लिपिक वीरेंद्र भंडारी, संतोष कोमरा, जीसी कुर्रे,भोजराम दीवान, वार्ड बॉय विनोद ध्रुव, वाहन चालक भारत नंदे, लुकेश चतुर्वेदानी के खिलाफ धोखाधड़ी के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
4 साल में कोषालय से निकाले 3.13 करोड़ रुपए –
जांच रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016_17 से लेकर 2019_20 में मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ तत्कालीन बीएमओ ने अपने अधीनस्थ 60 से भी ज्यादा कर्मियों के नाम के एरियस, इंक्रीमेंट और अतरिक्त वेतन के बोगस फाइल बनवाया। खुद प्रमाणित कर कोषालय भेजा करते थे।
इसके साथ ही कोष अधिकारी बगैर सत्यापन के भुगतान भी जारी करते थे। ज्यादातर भुगतान फाइल से समंधित कर्मी के खाते के बजाए बीएमओ द्वारा बताए पंजाब नेशनल बैंक के निजी खाते में भेजा करते थे। इस तरह 4 साल में 3 करोड़ 13 लाख 43971 रुपए का आहरण कर लिया गया।