CG BREAKING: High Court takes action against unrecognized nursery schools
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। माननीय मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने राज्य में बिना मान्यता के संचालित नर्सरी स्कूलों पर कार्यवाही के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश विकास तिवारी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया गया।
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वर्ष 2013 से संचालित बिना मान्यता वाले सभी नर्सरी स्कूलों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
जनहित याचिकाकर्ता विकास तिवारी ने कोर्ट को बताया कि छत्तीसगढ़ में तीन हजार से अधिक नर्सरी स्कूल बिना किसी मान्यता के चल रहे हैं, जहाँ न केवल अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली जा रही है, बल्कि निःशुल्क शिक्षा के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को प्रवेश भी नहीं दिया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने इस मामले को शिक्षा के अधिकार और बच्चों के हित से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय मानते हुए कहा कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करें कि बिना मान्यता के कोई भी संस्थान न चले और नियमों का सख्ती से पालन हो।
इस आदेश के बाद अब राज्य भर में शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज किए जाने की संभावना है।
