CG BREAKING : छत्तीसगढ़ में अवैध प्लाटिंग पर लगाम, 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर रोक की तैयारी

CG BREAKING: Control on illegal plotting in Chhattisgarh, preparation to ban registration of land less than 5 decimals
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य में 5 डिसमिल (2,178 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री और नामांतरण पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह निर्णय विधानसभा में अवैध प्लाटिंग के बढ़ते मामलों पर चर्चा के बाद लिया गया है। राजस्व विभाग इस दिशा में नियम तैयार कर रहा है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
क्या है प्रस्तावित नियम?
राजस्व विभाग भू-राजस्व संहिता 1969 की धारा 70 के तहत यह आदेश जारी करने की तैयारी में है। प्रस्ताव के तहत:
5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री और नामांतरण नहीं हो सकेगा।
100 वर्गफीट से कम डायवर्टेड भूमि पर भी नया खसरा नंबर जारी नहीं होगा।
पृष्ठभूमि: पहले भी लागू था प्रतिबंध
भाजपा सरकार के कार्यकाल में आठ साल पहले 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद यह नियम शिथिल कर दिया गया, जिससे छोटे प्लाट की रजिस्ट्री फिर से शुरू हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि अवैध प्लाटिंग के मामलों में तेजी आ गई।
अवैध प्लाटिंग का बढ़ता कारोबार
राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अवैध प्लाटिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
जमीन दलाल बिना डायवर्सन और लेआउट एप्रूवल के ही कृषि जमीन को प्लाट में बदलकर बेच रहे हैं।
500 से 1500 वर्गफीट के छोटे प्लाट अधिक बिक रहे हैं, क्योंकि वे सस्ते होते हैं और आम लोगों की पहुंच में होते हैं।
नए नियम से होगा असर
नए नियम का सबसे ज्यादा प्रभाव शहरी इलाकों में देखने को मिलेगा, जहां जमीन के दाम अधिक हैं।
ज्यादातर लोग 2,000 वर्गफीट से कम के प्लाट खरीदते हैं।
छोटे प्लाट की रजिस्ट्री बंद होने से अवैध प्लाटिंग पर लगाम लगेगी।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी का बयान
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, “छत्तीसगढ़ में अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। इनसे भू-माफियाओं पर लगाम लगेगी और आम जनता एवं किसानों को उनके हक से वंचित नहीं किया जा सकेगा।”
आगे की प्रक्रिया
कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद यह नियम लागू कर दिया जाएगा। सरकार की यह पहल जमीन खरीदने वालों को ठगी से बचाने और भू-माफियाओं पर लगाम कसने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।