BREAKING : महिला IAS ने दिया इस्तीफा, धार्मिक भावनाएं आहत करने का लगाया आरोप, अब राजनीति में रखेगी कदम
![](https://khabarchalisa.com/wp-content/uploads/2023/06/images-44-1-600x450.jpg)
BREAKING: Woman IAS resigns, accused of hurting religious sentiments, will now step into politics
छतरपुर। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पद से इस्तीफा दे दिया है। बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया। इसमें बांगरे ने विभाग के प्रमुख सचिव पर 25 जून को उनके घर के उदघाटन/शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने छुट्टी नहीं देने और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है। बांगरे ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की। निशा बांगरे वर्तमान में लवकुश नगर की एसडीएम के रूप में कार्यरत है। उन्होंने अपने इस्तीफ में लिखा है कि मैं बहुत आहत हूं। बता दें इससे पहले भी निशा बांगरे प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आने की इच्छा जता चुकी है।
2017 में एमपी पीएससी में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ। अभी उनकी नौकरी को पांच साल हो चुके हैं। निशा बांगरे के मुताबिक उनके घर के उदघाटन कार्यक्रम के अवसर पर विश्व शांतिदूत तथागत बुद्ध की अस्थियों के भी दर्शनलाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है। इसलिए मैं अपने मौलिक अधिकार, धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपनी डिप्टी कलेक्टर के पद पर बने रहना उचित नहीं समझती हूं। इसलिए मैं अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से 22 जून को इस्तीफा देती हूं।
निशा बांगरे ने इस्तीफा पत्र में जिक्र किया है कि अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित रहने की अनुमति न देने और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति ना देने के कारण इस्तीफा देना पड़ा है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र भेज दिया है। निशा बांगरे ने इस्तीफा आज ही दिया है। दरअसल, निशा बांगरे के घर का गृह प्रवेश 25 जून को बैतूल जिले के आमला में तय था, जिसके लिए उन्हीं छुट्टी नहीं मिली। निशा बांगरे में इस बात की जानकारी दी है कि उनके निजी मकान का उद्घाटन होना था। इसके लिए उन्होंने प्रशासन को छुट्टी के लिए एक पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। निशा बांगरे ने जानकारी देते हुए बताया कि थाईलैंड से भीमराव अंबेडकर की अस्थियां आनी हैं। इसीलिए एक कार्यक्रम के माध्यम से उसमें शामिल होना चाहती थी लेकिन मध्य प्रदेश शासन ने छुट्टी नहीं दी।