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BREAKING : आतंकवाद पर बोलने को मजबूर हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, जानिए क्या कहा ..

BREAKING: Pakistan’s Foreign Minister Bilawal Bhutto was forced to speak on terrorism, know what he said ..

शंघाई सहयोग संघठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी भारत के कड़े रुख के बाद अब आतंकवाद पर बोलने को मजबूर हुए हैं। भुट्टो ने सामूहिक रूप से आतंकवाद के खतरे को मिटाने का आग्रह किया। हालांकि इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा आतंकवाद पर हमले के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि “आइए राजनयिक बिंदु स्कोरिंग के लिए आतंकवाद को हथियार बनाने में न फंसें।

बिलावल भुट्टो ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए बहुपक्षवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया। कहा कि “पाकिस्तान बहुपक्षवाद के लिए प्रतिबद्ध है और सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखता है।” पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने कहा कि एकतरफा और अवैध उपायों पर अंतर्राष्ट्रीय कानून और एससीओ के उद्देश्यों का उल्लंघन करने के लिए राज्यों द्वारा एकतरफा और अवैध उपाय SCO के उद्देश्यों के विपरीत हैं।

रिश्तों में एससीओ के मंच पर दिखी तल्खी

एससीओ के मंच पर भी भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों का असर देखा गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से आमना-सामना भी हुआ। मगर इस वक्त भी भारत-पाकिस्तान के बीच तल्खी देखी गई। दोनों देशों के विदेश मंत्री ने इस दौरान एक दूसरे से हाथ तक नहीं मिलाया। इसके बाद जयशंकर ने बिलावल भुट्टो को हाथ के इशारे से आगे बढ़ने को कहा। इसे लेकर भी सोशल मीडिया में पाकिस्तान की खिल्ली उड़ाई जा रही है। भारत के रुख से समझा जा सकता है कि उसने अभी भी पाकिस्तान की हरकतों को माफ नहीं किया है। ऐसा करके एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद और दहशतगर्दी पर लगाम नहीं लगाता, तब तक उससे संबंध सुधरना और बातचीत होना संभव नहीं है।

बिलावल भुट्टो जरदारी जब एस जयशंकर के सामने पड़े तो दोनों ने हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया। यानि भारत ने आतिथ्य सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन अपने अंदाज से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे दिया। मतलब साफ है कि भारत ने एससीओ सम्मेलन में पाकिस्तान को फिलहाल “नमस्ते” कर दिया है। अभी तक पाकिस्तान के साथ भारत की द्विपक्षीय वार्ता का भी कोई संकेत नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ओर से भी इसके लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। इससे पहले बिलावल भुट्टो ने भारत आने से पहले ट्वीट कर कहा था कि वह भारत के गोवा में एससीओ सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान एससीओ सम्मेलन को कितना अहमियत देता है और अपनी भागीदारी को लेकर भी कितना गंभीर है। उन्होंने गोवा पहुंचने के बाद भी ट्वीट किया था कि वह भारत पहुंच गए हैं, जहां वह विदेश मंत्रियों के डिनर में शामिल होंगे और चीन, उज्बेकिस्तान समेत अन्य समकक्षों से वार्ता करेंगे।

सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं

एस जयशंकर ने पाकिस्तान को एससीओ सम्मेलन में खरी-खरी सुना दी है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती। इस दौरान एससीओ देशों के सामने भारत ने पाकिस्तान को होने वाली टेरर फंडिंग पर भी गंभीर सवाल उठाए। बिलावल भुट्टो जरदारी के सामने ही पाकिस्तान को विदेश मंत्री ने जमकर धोया। भारत ने ये भी कहा कि आतंकवाद से सभी को मिलकर लड़ना होगा। एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है और इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए। आतंकवाद का मुकाबला एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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