BIHAR ELECTION : Rs 10,000 to 75 lakh women, will it become a turning point?
नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 लाख ग्रामीण महिलाओं के खाते में पहली किस्त के तौर पर 10,000 रुपये ट्रांसफर किए हैं। यह राशि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दी गई है। योजना के तहत हर महिला को कुल 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिलने का प्रावधान है।
चुनावी गणित में महिलाओं की भूमिका लगातार निर्णायक साबित हो रही है। इसी कारण केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं को सीधे जोड़ने वाली योजनाओं की झड़ी लगा रही हैं।
देशभर में महिलाओं के लिए योजनाओं की झड़ी
आंध्र प्रदेश : महिला स्वयं सहायता समूह को स्मार्टफोन, किशोरियों को मुफ़्त सेनेटरी नैपकिन; शादी पर 15,000 रुपये।
महाराष्ट्र : लाड़की बहिन योजना के तहत आर्थिक मदद।
हरियाणा : दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना, प्रत्येक महिला को 2,100 रुपये प्रति माह।
पश्चिम बंगाल : रुपाश्री और कन्याश्री योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति।
तेलंगाना : कल्याण लक्ष्मी योजना, शादी मुबारक, केसीआर किट योजना।
तमिलनाडु और कर्नाटक : विवाह सहायता योजनाओं में नकद, सोना और मंगलसूत्र।
उत्तर प्रदेश और असम : शादी अनुदान योजना, भाग्यलक्ष्मी योजना, अरुंधति योजना, ज्ञान दीपिका योजना, विधवा पेंशन।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान : शक्ति स्वरूपा और महतारी वंदन योजना, स्कूटी और शिक्षा सहायता।
मध्य प्रदेश और दिल्ली : कन्या विवाह/निकाह योजना, लाड़ली बहना योजना, महिला समृद्धि योजना।
महिला मतदाता बनी निर्णायक
इतिहास गवाह है कि चुनावों में महिला मतदाता हर बार निर्णायक साबित हुई हैं। बिहार में नीतीश कुमार की साइकिल योजना, मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना और दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा जैसी योजनाओं ने महिला मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव डाला।
इस बार भी प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता और केंद्र-राज्य की विभिन्न योजनाएं, महिलाओं को मतदान में सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार कर रही हैं।