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BIG STATEMENT : बीजेपी में शामिल होंगे अजीत पवार ? शरद पवार और संजय राऊत ने दिया बड़ा बयान

BIG STATEMENT: Will Ajit Pawar join BJP? Sharad Pawar and Sanjay Raut gave a big statement

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब उद्धव गुट वाली शिवसेना के नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया आई है. अजीत पवार के एनडीए गठबंधन में शामिल होने की खबरों पर राउत ने कहा कि एनसीपी के 20-25 विधायको के जाने से पार्टी नहीं टूटती है. उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ईडी या सीबीआई के जरिए एनसीपी नेताओं पर भी दवाब बनाया जा रहा है.

वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी अजीत पवार के बारे में आ रही खबरों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा,’ये बातें मीडिया की देन हैं, हमारे दिमाग में नहीं हैं. मैं मुंबई जा रहा हूं. हम पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई और विचार नहीं है. सभी नेताओं की तरह अजीत पवार भी चुनाव में व्यस्त हैं, और कुछ नहीं.’

पवार ने खबरों को बताया बेबुनियाद –

शरद पवार ने कहा, ‘कुछ लोग सिर्फ खबर बना रहे हैं, इसके अलावा इन बातों का कोई अर्थ नहीं हैं. जो चर्चा आपके मन में वो हम में से किसी के मन में नही है , इसलिए इसका कोई महत्व नहीं है. मैं एनसीपी के बारे में कह सकता हूं कि इस पार्टी में काम करने वाले सभी नेता एक विचार से पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए इसके लिए काम कर रहे हैं. ऐसा सुनने में आया कि विधायकों की बैठक है, यह बात बिलकुल झूठी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अपने चुनाव क्षेत्र में काम कर रहे हैं. अजीत पवार भी काम में व्यस्त हैं. मैं यहां हूं, इसके अलावा बैठक बुलाने का किसी को अधिकार ही नहीं है.’

राउत ने बीजेपी के सिर फोड़ा ठीकरा –

संजय राउत ने कहा, मैंने रोकठोक (सामना अखबार का कॉलम) में भी यही लिखा था कि जैसे हमें और हमारे पार्टी के नेताओं को ED और CBI के जरिए परेशान किया गया और पार्टी तोड़ी गई, वही NCP के साथ किया जा रहा है. इस तरह की खबरें BJP प्लांट करा रही है कि 40 विधायक अजीत पवार के साथ जा रहे है. हम लगातार उनके संपर्क में है.’

अजीत पवार का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘अजीत पवार और शरद पवार में काफी अच्छे संबंध है. नागपुर से लेकर अभी तक वो हमारे संपर्क में हैं. अजीत पवार पर इस तरह से आपको बार-बार सवाल नही उठाना चाहिए. वो हमारे विपक्ष के नेता हैं और महाविकास अघाड़ी पूरी मजबूती के साथ खड़ी है. सबसे ज्यादा राज्य के सीएम भ्रम फैला रहे हैं.’

बताया क्या हैं सुप्रिया सुले की ‘दो बड़ी खबरें’ –

विपक्ष के नेताओं की एकजुटता की बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘आज सुबह ही मैंने सभी मित्र पक्षों से बात की है..पवार साहब ने बोला है कि सब खबर जो आ रही उसमे कोई दम नही है.सुप्रिया सुले की ‘दो बड़ी खबरों’ का मतलब ये है कि सुप्रीम कोर्ट से Disqualification के मामले का फैसला हमारे पक्ष में दिल्ली से आएगा और महाराष्ट्र में शिंदे सीएम नहीं रहेंगे.’ राउत ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और सीएम समेत सभी अयोग्य घोषित होंगे. हमें कोर्ट से न्याय मिलेगा.

‘सफल नहीं होगी बीजेपी’ –

बीजेपी पर हमला बोलते हुए राउत ने कहा, ‘यह भर्ती (विधायकों के पाला बदलने) बिना वेतन की है, वे (बीजेपी) ठेका मजदूरों को काम पर रख रहे हैं. जो कोई भी इस ठेके को लेना चाहता है, उसे लेने दें. उन्हें इस वाशिंग मशीन में डालने का समय आ गया है. एमवीए में तीन सहयोगी एक साथ हैं. बीजेपी को पता चल गया है कि 2024 में उनके लिए राह कठिन है, इसलिए वे हमारे एमवीए को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन 20/25 विधायक बदलने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी टूट गई है. मुझे विश्वास है कि अजीत पवार के बारे में कहानियां झूठी हैं. हां, वे (BJP) एनसीपी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो इसमें सफल नहीं होंगे.’

क्या कहा था सुप्रिया सुले ने –

इससे पहले सुप्रिया सुले ने दावा किया था कि अगले 15 दिन मे दो राजनीतिक विस्फोट होने वाले हैं. सुप्रिया ने कहा था कि एक विस्फोट दिल्ली में होगा तो दूसरा विस्फोट महाराष्ट्र में होगा. सुप्रिया का यह बयान ऐसे समय में आया, जब नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

अजीत दादा बीजेपी में शामिल होंगे या नहीं? इस सवाल पर उन्होने कहा, ‘यह बात दादा से पूछो, मेरे पास गॉसिप के लिए समय नहीं है, जनप्रतिनिधि के रूप में मेरे पास बहुत काम है, इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन मेहनत करने वाला नेता हो तो अजीत दादा को हर कोई चाहेगा, इसलिए इस तरह के बयान दिए जाते हैं.’

बीजेपी के साथ जाने में अड़चन क्या? –

अजीत पवार ने अभी तक शिंदे की राह पर (पार्टी तोड़ने) चलने की हिम्मत नहीं जुटाई है . अजीत गुट के और भी कई नेता चाहते हैं कि किसी तरह शरद पवार को मना लिया जाए. शरद पवार के आशीर्वाद के बिना वे जाना नहीं चाहते हैं. अजीत पवार को डर है कि अगर शरद पवार ने समर्थन नहीं किया तो उन्हें 2019 की तरह शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है.

बीजेपी इस बार अजीत के वादे को पूरा करने के लिए आश्वस्त होना चाहती है. अजीत पवार ने विधायकों को यह पूछने के लिए फोन करना शुरू कर दिया है कि उनके मन में क्या है और क्या वे भाजपा-शिवसेना के साथ गठबंधन करने के लिए उनके साथ आने को तैयार हैं.

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