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BIG STATEMENT : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर साधा निशाना

BIG STATEMENT: Former Congress President Sonia Gandhi once again targeted the Modi government at the Center

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सोनिया ने एक समाचार पत्र में लिखे लेख में कहा, थोपी गई चुप्पी से देश की समस्याओं का हल नहीं होगा. सोनिया ने कहा, भारत के लोगों ने यह सीख लिया है कि जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरकतें उनके शब्दों से कहीं अधिक जोर से बोलती हैं.

सोनिया गांधी ने लिखा, पिछले महीनों में हमने देखा कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाबदेही के लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है.

सोनिया ने अपने लेख में संसद में हुईं घटनाओं का भी जिक्र किया. सोनिया ने लिखा, पिछले सत्र में हमने उस सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, सामाजिक विभाजन, बजट और अडानी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने लिखा,

सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक सांसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया. इसका नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में वित्त विधेयक पारित किया गया तब पीएम अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे.

सोनिया ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का लगाया आरोप –

सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग जाहिर है. 95% राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दायर किए गए. वहीं, वे लोग जो बीजेपी में शामिल हो गए, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए.

मेहुल चौकसी, बिलकिस बानो केस का किया जिक्र –

सोनिया ने लिखा, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और थिंक टैंक के खिलाफ मामले अप्रत्याशित हैं. पीएम सच्चाई और न्याय को लेकर दिखावटी बयान देते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री के चुने हुए व्यवसायियों पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों को भी नजरअंदाज किया जाता है. इंटरपोल भगोड़े मेहुल चौकसी के खिलाफ नोटिस वापस ले लेता है. बिलकिस बानो के रेप के दोषियों को छोड़ दिया गया. वे बीजेपी के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं.

अपने लेख में सोनिया गांधी ने लिखा, ‘ –

‘न्यायपालिका की विश्वसनीयता को कमजोर करने का व्यवस्थित प्रयास संकट तक पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री कुछ रिटायर जजों को एंटीनेशनल बता रहे हैं और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं कि उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. यह भाषा लोगों को जानबूझकर गुमराह करने, उनके जुनून को भड़काने के लिए इस्तेमाल की जा रही है, ताकि जजों को धमकाया जा सके. ”

‘मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया गया’ –

सोनिया ने लिखा, लंबे समय से चली आ रही मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया गया. सरकार ने वित्तीय शक्ति और बीजेपी के दोस्तों के साथ मिलकर राजनीतिक धमकी के जरिए ऐसा किया. चैनलों पर शाम को चलने वाले डिबेट्स स्लैंगिंग मैच की तरह हो गए हैं, जहां सरकार पर सवाल उठाने वालों को शांत कर दिया जाता है. सरकार इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, तो सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन करके कानूनी तौर पर खुद को और सशस्त्र कर लिया गया. अब किसी भी ऐसी खबर को जो पसंद न हो उसे ‘फेक न्यूज’ का टैग देकर हटाया जा सकता है.

सोनिया ने आगे लिखा, ”भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि सरकार की आलोचना दंडात्मक कार्रवाई का आधार नहीं है. क्या सरकार सुन रही है? नहीं. बीजेपी और RSS ने वकीलों की एक सेना तैयार कर रखी है, जो ‘महान नेता’ की आलोचना करने पर किसी भी मंच को परेशान करने के लिए हमेशा तैयार है.”

सोनिया ने कहा, चुप्पी साधने से भारत की समस्या का समाधान नहीं हो सकता. प्रधानमंत्री लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सरकार के कार्यों पर उठ रहे जायज सवाल पर चुप हैं. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या महंगाई का जिक्र नहीं किया, मानो ऐसा जैसे कि ये समस्याएं हैं ही नहीं. उनकी चुप्पी दूध, सब्जियां, अंडे, रसोई गैस, बेरोजगारी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के संघर्ष में मदद नहीं कर सकती. किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के अपने वादे पर विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री ने आसानी से चुप्पी साध ली है. जबकि उनकी अन्य समस्याएं जैसे बढ़ती लागत अभी भी ज्यों के त्यों हैं.

आने वाले दिन महत्वपूर्ण- सोनिया –

सोनिया ने लिखा, प्रधान मंत्री के प्रयासों के बावजूद भारत के लोग न तो चुप रह सकते हैं और न ही रहेंगे. अगले कुछ महीने हमारे लोकतंत्र की परीक्षा के लिए एक अहम परीक्षा है. हमारा देश ऐसे चौराहे पर है, जहां नरेंद्र मोदी सरकार कई प्रमुख राज्यों में सत्ता और चुनाव का दुरुपयोग करने पर तुली है.

उन्होंने लिखा, कांग्रेस पार्टी अपने संदेश को लोगों तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. ऐसा ही कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किया. कांग्रेस भारत के संविधान की रक्षा करने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ हाथ मिलाएगी. हमारी लड़ाई लोगों की आवाज की रक्षा करने की है. कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल के रूप में अपने कर्तव्यों को समझती है और सभी समान विचारधारा वाले लोगों के साथ काम करने के लिए तैयार है.

 

 

 

 

 

 

 

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