Big News: धरती पर खतरे का ‘महाटेस्ट’, कल सुबह एस्टेरॉयड से स्पेसक्राफ्ट टकराएगा नासा
नई दिल्ली : कल यानी दिन मंगलवार. तारीख 27-09-2022. सुबह पौने पांच बजे के आसपास नासा (NASA) का डार्ट मिशन (DART Mission) से डिडिमोस (Didymos) और उसके चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस (Dimorphos) पर हमला करेगा. डार्ट मिशन यानी डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test – DART). मकसद है स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड से टकराकर उसकी दिशा बदली जाए. अगर नासा का यह मिशन सफल होता है तो भविष्य में धरती की ओर आ रहे खतरनाक एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रहों को रोका जा सकेगा. या उनकी दिशा बदल दी जाएगी.
1 day til impact!🛰️🪨
After DART's final maneuver today, the navigation team will know the position of the target asteroid within 2 km. From there, DART will be on its own to autonomously guide itself to collision.#DARTMission will make impact Mon, Sep. 26, 2022 at 7:14pm EDT. pic.twitter.com/t4PDU3GGIq
— NASA's Launch Services Program (@NASA_LSP) September 25, 2022
8 प्वाइंट्स में समझिए कि कल क्या-क्या होगा?
1. क्या है डार्ट मिशन?… डार्ट मिशन (Dart Mission) डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से टकराएगा. डाइमॉरफोस जाकर डिडिमोस से टकराएगा. इस तरह दोनों की दिशा में बदलाव होगा. दिशा बदलती है तो बड़ा अचीवमेंट होगा. यह स्पेसक्राफ्ट करीब 24 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से एस्टेरॉयड से टकराएगा.
2. कौन सी तकनीक का हो रहा उपयोग?… टक्कर से ठीक पहले वह एस्टेरॉयड के डिडिमोस के वातावरण, मिट्टी, पत्थर और सरंचना की स्टडी भी करेगा. इस मिशन में काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक (Kinetic Impactor Technique) का उपयोग किया जा रहा है. यानी स्पेसक्राफ्ट टकराकर दिशा में बदलाव करने का प्रयास किया जा रहा है.
3. क्या है एस्टेरॉयड और उसके चांद का आकार… डिडिमोस (Didymos) का व्यास कुल 2600 फीट है. डाइमॉरफोस इसके चारों तरफ चक्कर लगाता है. उसका व्यास 525 फीट है. टक्कर के बाद दोनों पत्थरों के दिशा और गति में आए बदलावों की स्टडी की जाएगी.
4. कैसे देख सकते हैं इस इवेंट को लाइव? अगर आप इस इवेंट को लाइव देखना चाहते हैं तो बस आपको अंग्रेजी में लिखे इन दो नीले शब्दों ‘NASA Television’ पर क्लिक करना होगा. या फिर आप NASA’s Media Channel पर क्लिक करके भी इवेंट की कवरेज देख सकते हैं.
5. आखिर नासा क्यों कर रहा है यह मिशन? नासा ने पृथ्वी के चारों तरफ 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) रिकॉर्ड किए हैं. इनमें से कुछ 460 फीट व्यास से ज्यादा के आकार वाले हैं. यानी इनमें से कोई भी धरती पर गिरता है तो वह अमेरिका के किसी भी एक राज्य को पूरी से बर्बाद कर सकता है. समुद्र में गिरा 2011 में जापान में आई भयानक सुनामी से बड़ी आपदा आ सकती है.
6. भरोसा सिर्फ इस बात का है… नासा ने विश्वास दिलाया है कि पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगा रहे 8000 पत्थरों में से एक भी अगले 100 सालों तक धरती से नहीं टकराएंगे. लेकिन अंतरिक्ष की किसी भी वस्तु का भरोसा नहीं कर सकते. कभी भी गति, टक्कर, गुरुत्वाकर्षण या किसी अन्य कारण से किसी एस्टेरॉयड की दिशा बदली तो खैर नहीं.
7. डार्ट पर नजर रखेगा लिसिया क्यूब्स… DART स्पेसक्राफ्ट की सारी गतिविधियों पर लाइट इटैलियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड्स (LICIACube) भी साथ में जा रहा है. टकराव के समय यह यान एस्टेरॉयड के नजदीक से गुजरेगा ताकि टक्कर की फोटो ले सके.
8. तेज गति से नहीं टकरा सकते यान… तेज गति से स्पेसक्राफ्ट को डाइमॉरफोस से नहीं टकरा सकते. इससे खतरा ये है कि वह डिडिमोस से टकराने के बजाय अंतरिक्ष में किसी और दिशा में निकल सकता है. इससे मिशन फेल हो जाएगा. अगर डाइमॉरफोस की स्थिति में एक डिग्री कोण का बदलाव होता है यानी उसकी गति और दिशा बदल जाएगी.