पखांजूर। ढाई साल पहले कमालपुर गांव में पंचायत द्वारा किए गए अपमानजनक कृत्य पर कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। 22 जनवरी 2023 को हुए इस प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट ध्रुवराज ग्वाल ने सात आरोपियों को छह-छह महीने की जेल और कुल सात हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
यह मामला तब सामने आया था जब गांव की पंचायत ने केनाराम मंडल और उनके दोस्त निर्मल सूत्रधार को दल-बल के साथ घर से घसीटकर चौपाल ले जाकर जूतों की माला पहनाई, लात-घूंसे मारे और जबरन माफी मांगवाई। पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ था।
विवाद तब शुरू हुआ जब केनाराम की दूसरी पत्नी प्रतिमा ने पहली पत्नी की मंदबुद्धि 19 वर्षीय बेटी पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए गांव की बैठक बुला ली। केनाराम ने पुलिस को फोन किया, लेकिन मदद की जगह वीडियो भेजने को कहा गया। बाहर निकलने पर जान का खतरा होने के कारण वे असमर्थ रहे।
28 गवाहों और 14 सबूतों के आधार पर कोर्ट ने जिस सात लोगों को सजा सुनाई है, उनमें सांतनु हालदार, विश्वजीत सरदार, अजय पाल उर्फ कटाई, प्रवीण बनिक, शिदित्य बनिक, सुमित बनिक और प्रदीप्त बनिक शामिल हैं। धारा 451 के तहत छह महीने की जेल, धारा 323 के तहत एक हजार और धारा 147 के तहत तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई है। गाली-गलौज और धमकी के आरोप सबूत के अभाव में खारिज किए गए।
कोर्ट परिसर में केनाराम की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा—“मेरी बेटी आज भी उस दिन की याद से कांपती है। आज उसे लगा कि दुनिया में इंसाफ बाकी है।” निर्मल सूत्रधार ने कहा—“पुलिस वीडियो मांगती रही, लेकिन आज कोर्ट ने सच्चा वीडियो देख लिया।”
गांव में यह फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग कह रहे हैं—“चौपाल पर कानून हाथ में लेने वालों के लिए अब जेल का दरवाज़ा खुल गया है।”
