BIG BREAKING : लोकसभा में मणिपुर के मुख्यमंत्री का बचाव करते दिखे गृहमंत्री, दी ऐसी दलील

BIG BREAKING: The Home Minister was seen defending the Chief Minister of Manipur in the Lok Sabha, gave such an argument
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा को संबोधित करते हुए राज्य में 3 मई से शुरू हुई हिंसा पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बचाव किया। अमित शाह ने इस दौरान सदन को ये भी बताया कि आखिर केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया और क्यों राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह को नहीं हटाया गया।
अमित शाह ने कहा कि जब राज्य का मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहा होता है तब उसे बदलने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सीएम ने “केंद्र के साथ सहयोग किया है।” शाह ने मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से हिंसा में शामिल न होने की अपील करते हुए कहा कि जिस तनाव के कारण लगभग 152 लोगों की जान चली गई है, उसे बातचीत के जरिए ही हल किया जा सकता है। शाह ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर अपना संबोधन इस घटना को “शर्मनाक” कहकर शुरू किया और कहा कि इस पर राजनीति “और भी शर्मनाक” है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “जब राज्य सरकार सहयोग नहीं करती, तो अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लगाया जाता है। हमने डीजीपी बदल दिया है। उन्होंने केंद्र के फैसले को स्वीकार कर लिया। हमने CS (प्रमुख शासन सचिव) को बदला, उन्होंने केंद्र के फैसले को स्वीकार किया।” शाह ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि अगर सीएम सहयोग नहीं करता है, तब उसे बदला जाता है, लेकिन मणिपुर के सीएम सहयोग कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के कारणों और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी। अमित शाह ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने के वीडियो का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “ये वीडियो (मणिपुर वायरल वीडियो) इस संसद सत्र के शुरू होने से पहले क्यों आया? अगर किसी के पास यह वीडियो था तो उन्हें इसे डीजीपी को देना चाहिए था और उसी दिन (4 मई) कार्रवाई की गई होती। हमें जिस दिन वीडियो मिला हमने उन सभी 9 लोगों की पहचान कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मैं वहां (मणिपुर) 3 दिन रहा और इस अवधि के दौरान हमने कई निर्णय लिए… राज्य में सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए क्षेत्र में अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है।”
शाह ने मणिपुर के दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा, “मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है…मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।” उन्होंने विपक्ष से कहा, “मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था…आप मुझे चुप नहीं करा सकते क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी। मणिपुर में हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी।”