BIG BREAKING : टनल से बाहर आया राहुल साहू, इतिहास का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब

Rahul Sahu came out of the tunnel, history’s biggest rescue operation successful
रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे राहुल को निकालने में जुटी रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली है। 104 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने राहुल को बाहर निकाल लिया है। अब उसे यहां से सीधा अस्पताल ले जाया गया है। राहुल को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है।
सीएम का ट्वीट –
माना कि चुनौती बड़ी थी
हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थीरास्ते अगर चट्टानी थे
तो इरादे हमारे फौलादी थेसभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।
वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है। pic.twitter.com/auL9ZMoBP7
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022
हमारा बच्चा बहुत बहादुर है।
उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे।
आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं।
इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद। pic.twitter.com/JejmhL7PBj
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022
10 जून को बोरवेल में गिरा था राहुल –
राहुल साहू (10) का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। तब जाकर पता चला कि राहुल बोरवेल में गिर गया हैं। बोरवेल का गड्ढा 80 फिट गहरा है, राहुल 65 फिट में जाकर फंस गया।
तत्काल पुलिस को किया गया सूचित –
परिवार ने तत्काल 102 को इसकी सूचना दी। धीरे धीरे यह बात पुलिस के आला अधिकारियों से जिला प्रशासन फिर ही सरकार तक पहुंची। अधिकारियों की टीम रेस्क्यू करने में जुट गई सीएम भूपेश बघेल भी पल-पल की अपडेट ले रहे थे। सीएम लगातार कलेक्टर और राहुल के परिजनों माता व पिता, दादी से वीडियो कॉल के जरिए बात कर रहे थे। वही ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि राहुल जल्द बाहर आ जाए। सीएम भूपेश बघेल ने परिवार को पूरा विश्वास दिलाया था कि उनका बच्चा सकुशल वापस आएगा और ऐसा ही हुआ।
104 घण्टे तक चले दुष्कर ऑपरेशन के बाद राहुल सुरंग से बाहर
बोरवेल में फंसे राहुल को अंततः निकाल लिया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राहुल की ग्रीन कॉरिडोर से बिलासपुर रवानगी कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।#SaveRahulAbhiyaan pic.twitter.com/HLoWgiVxln
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 14, 2022
SDRF, NDRF, सेना के जवान, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन की कड़ी मेहनत –
SDRF, NDRF, सेना के जवान, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने दिन रात कड़ी मेहनत की, जिसके फलस्वरूप राहुल सकुशल बाहर आ सका है। भूख व प्यास की चिंता किए बिना टीम डटी रही और मेहनत करती रही। राहुल के सकुशल बाहर आने के बाद टीम के कई सदस्य रोने लगे और भारत माता की जय पुकार लगाने लगे यह पल काफी भावुक कर देने वाला था।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel की सतत मॉनिटरिंग में @NDRFHQ, #एसडीआरएफ, @CG_Police, भारतीय सेना और @JanjgirDist ने संयुक्त रूप से कर्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए राहुल को बोरवेल से निकालने का दुष्कर कार्य कर दिखाया। यह ऑपरेशन पूरे देश के लिए मिसाल है। छत्तीसगढ़ ने इतिहास रचा है। pic.twitter.com/l5mOuXrL9b
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 14, 2022
अलग अलग तरीके से चला रेस्क्यू ऑपरेशन –
बताते चलें कि रेस्क्यू के दौरान राहुल को कई बार रस्सियों से व रोबोट के सहारे से भी बाहर लाने के लिए कोशिश की गई लेकिन वह रिस्पांस नहीं कर सका। इसका बड़ा कारण यह था कि राहुल स्पेशल चाइल्ड होने की वजह से कमांड को समझ नहीं पा रहा था। इसके बाद टनल बनाकर राहुल का रेस्क्यू किया गया है।
कलेक्टर का बड़ा खुलासा –
वही कलेक्टर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि राहुल के साथ बोरवेल के अंदर एक सांप और मेंढक भी थे। फिर भी वह बच्चा डरा नहीं। भगवान का चमत्कार ही है कि बच्चा ठीक है। टनल से बाहर आकर स्ट्रेचर में लेटे हुए बकायदा बच्चा सभी को एक तक निगाहों से देख रहा था।
कई बार नहीं किया रिस्पांस –
जब सेना के जवान व अधिकारी कड़ी मेहनत करके टनल बना रहे थे, तो कई बार ऐसा हुआ कि राहुल ने रिस्पांस करना बंद कर दिया था। लेकिन एक बार फिर वह अपनी हिम्मत बांध था और रिस्पांस करने लगता राहुल की हिम्मत ही है, जिसकी वजह से बाहर काम कर रहे सभी को ताकत मिली। 10 साल का छोटा बच्चा जब इतना अधिक मत दिखा सकता है तो उसके हौसले के सामने कोई अड़चन कैसे टिक पाएगी। राहुल को लगातार फ्रूटी और केला दिया जा रहा था।
मुक बधिर और मानसिक रूप से कमजोर है राहुल –
ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 4 दिन से उसी जगह पर टिके हुए हैं, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।
राहुल को ले जाया गया अपोलो अस्पताल –
टनल से बाहर आते ही राहुल को ग्रीन कॉरिडोर होते हुए अपोलो अस्पताल बिलासपुर ले जाया गया है। वहां पर डॉक्टरों की बड़ी टीम उसका इलाज करेगी। मुख्यमंत्री ने बच्चे का अच्छे से अच्छा इलाज करने के निर्देश दिए हैं। वही जांच के बाद पता चलेगा कि राहुल को अंदरूनी कितनी चोट लगी है।
