’26 लाशें भूल गई BCCI’…पहलगाम हमले में मारे गए शुभम की पत्नी ने Ind Vs Pak मैच पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला क्रिकेट मैच एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह खेल नहीं बल्कि देश की सुरक्षा और शहीदों की यादें हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए एक शख्स की पत्नी ने इस मैच को लेकर गहरी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि जब हमारे देश के 26 नागरिकों को बेरहमी से मार दिया गया, तब हम उस देश से कैसे मैच खेल सकते हैं, जहां से आतंकवादी आते हैं?
शहीद की पत्नी ने उठाए सवाल
यह आवाज है कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी की, जिनके पति पहलगाम हमले में सबसे पहले आतंकियों की गोली का शिकार बने थे. उन्होंने एक वीडियो जारी करके अपनी पीड़ा जाहिर की है. ऐशन्या ने साफ कहा कि उन्हें इस बात से बहुत दुख पहुंचा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच को मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने पूछा कि क्या हम इतने जल्दी भूल सकते हैं कि तीन महीने पहले हमारे देश के 26 लोग मारे गए थे?
उन्होंने वीडियो में कहा, “हमने सुना था कि लोग ग़म जल्दी भूल जाते हैं, लेकिन सिर्फ तीन महीने में सब कुछ भूल जाना और पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने को तैयार हो जाना बहुत ही शर्मनाक है. हम इस फैसले का विरोध करते हैं और इस मैच का बहिष्कार करेंगे.”
तीन महीने पहले हुआ था बड़ा आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बाइसरन घाटी में एक दर्दनाक घटना हुई थी. पांच आतंकवादियों ने वहां घूमने आए पर्यटकों पर अचानक हमला कर दिया था. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. मारे गए लोगों में ज्यादातर हिंदू थे, लेकिन एक ईसाई और एक मुस्लिम शख्स भी इस हमले का शिकार हुए थे.
शुभम द्विवेदी भी उन्हीं पर्यटकों में शामिल थे जो अपनी छुट्टियां मनाने गए थे. लेकिन उनकी जिंदगी आतंकियों की गोलियों ने छीन ली. अब, जब देश को उस हमले की याद से उबरने में समय लग रहा है, तब भारत-पाकिस्तान मैच की मंजूरी पर शहीद के परिवार वालों का गुस्सा सामने आया है.
BCCI पर उठे सवाल, लोगों में भी गुस्सा
ऐशन्या ने यह भी पूछा कि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) कैसे इतनी जल्दी इस मैच को खेलने के लिए तैयार हो गया. उन्होंने कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है कि निर्दोष लोगों की जान चली गई हो और सिर्फ तीन महीने बाद हम उनके गुनहगार देश से मैच खेलने को तैयार हो जाएं? क्या मैच हमारी
भावनाओं और देश के सम्मान से बड़ा है?”
इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है. कई लोग ऐशन्या के समर्थन में बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, तब तक उससे किसी भी तरह का संबंध नहीं होना चाहिए, चाहे वो क्रिकेट ही क्यों न हो.
हमले का मास्टरमाइंड ढेर, लेकिन जख्म अभी ताजा हैं
आज भले ही भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर हाशिम मूसा को मार गिराया है, लेकिन जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके जख्म अब भी भरे नहीं हैं. हाशिम मूसा को ही पहलगाम और सोनमर्ग टनल हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता था.
भारतीय सेना ने इस हमले के बाद पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई भी की थी, जिसमें कई आतंकियों को मारा गया था. लेकिन इसके बावजूद, पीड़ित परिवारों का कहना है कि देश को अभी सतर्क रहने की ज़रूरत है और भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
मैच हो या नहीं, यह बहस अब तेज हो चुकी है
अब सवाल ये है कि क्या बीसीसीआई इस भावनात्मक मुद्दे पर दोबारा विचार करेगा? क्या सरकार इस मैच को लेकर कोई फैसला लेगी या सब कुछ पहले की तरह ही होगा? शहीदों के परिजनों का गुस्सा और दर्द इस बात की याद दिला रहा है कि देश की सुरक्षा और सम्मान खेल से कहीं बड़ा होता है.