STEALTH CRUISE MISSILE : America’s new stealth nuclear cruise missile AGM-181 LRSO revealed
नयी दिल्ली/कैलिफोर्निया, 9 नवंबर। अमेरिका की नई हवा से छोड़ी जाने वाली न्यूक्लियर क्रूज़ मिसाइल AGM-181 LRSO (Long Range Stand-Off) का राज हाल ही में सार्वजनिक हुआ है। कैलिफोर्निया में एक प्लेन-स्पॉटर ने इस मिसाइल की तस्वीरें पहली बार पकड़ीं, जिससे पेंटागन की लंबे समय से गुप्त रखी जा रही परियोजना की पोल खुल गई।
LRSO का उद्देश्य पुराने एयर-लॉन्च्ड न्यूक्लियर क्रूज़ वेपन्स (जैसे AGM-86B) का प्रतिस्थापन करना और दुश्मन के एयर डिफेन्स को चकमा देकर लंबी दूरी से सटीक हमला करना है। इसे रैथियन (Raytheon) द्वारा विकसित किया जा रहा है और यह अभी टेस्टिंग के फेज में है, सेवा में आने का लक्ष्य लगभग 2030 दर्शाया जा रहा है।
प्रमुख विशेषताएँ (संक्षेप में)
नाम: AGM-181 LRSO (Long Range Stand-Off)
प्रकार: हवा से छोड़ी जाने वाली न्यूक्लियर क्रूज़ मिसाइल
लंबाई: लगभग 6.4 मीटर
वजन: करीब 1,360 किलोग्राम
रेंज: ~2,500 किलोमीटर से अधिक (लंबी दूरी)
गति: सबसोनिक (लगभग 850 किमी/घंटा) — चुपके से लक्ष्य तक पहुंचती है
वॉरहेड: W80-4 न्यूक्लियर हेड — वेरिएबल यील्ड 5 से 150 किलोटन
गाइडेंस: इनर्शियल + GPS + TERCOM (रास्ता बदलकर सटीक निशाना)
स्टेल्थ फीचर्स: कम रडार सिग्नल, फोल्डिंग विंग्स, नीचे वर्टिकल टेल — रडार और एयर डिफेन्स से बचाव
लॉन्च प्लेटफॉर्म: B-52 बॉम्बर (पहले चरण) और भविष्य में B-21 स्टेल्थ बॉम्बर
LRSO क्यों अहम है
LRSO को ‘लॉन्ग-रेंज स्टैंड-ऑफ’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मिसाइल मातृ वायुयान (बॉम्बर) को दुश्मन के हवाई क्षेत्र में घुसने की जरूरत के बिना दूर से हथियार छोड़े जाने की क्षमता देती है। स्टेल्थ डिज़ाइन और लो-ऊँचाई वाले क्रूज़ प्रोफ़ाइल के कारण यह पारंपरिक रडार-आधारित एयर डिफेन्स सिस्टम को चकमा दे सकती है। साथ ही W80-4 वॉरहेड की वेरिएबल यील्ड से मिशन के हिसाब से धमाके की तीव्रता तय की जा सकती है।
विकास-इतिहास और स्थिति
प्रोजेक्ट का काम ट्रम्प प्रशासन के दौरान तेज़ी से आगे बढ़ा; 2020 में रेथियन को पहला कॉन्ट्रैक्ट मिला और 2025 में परीक्षण उड़ानें शुरू हुईं। जून 2025 में पहला फोटो सार्वजनिक हुआ था; अब कैलिफोर्निया में प्लेनस्पॉटर द्वारा पकड़ी गई तस्वीरों ने परियोजना को और अधिक ध्यान में ला दिया है। पेंटागन के अनुसार LRSO पुराने AGM-86B की जगह लेगा और रूस—चीन जैसे प्रतिस्पर्धियों के आधुनिक हथियार विकास का जवाब है।
रणनीतिक मायने
डिटरेंस क्षमता: LRSO जैसी मिसाइलें परमाणु एवं कूटनीतिक ‘डिटरेंस’ का हिस्सा हैं, हमला न करने के लिए प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाए रखना।
रडार चकमा: स्टेल्थ और लो-फ्लाइंग प्रोफ़ाइल के कारण IADS (Integrated Air Defence Systems) को धोखा देना संभव।
फ्लैक्सिबिलिटी: वेरिएबल वॉरहेड से ऑप्शनल पारमाण्विक प्रभाव छोटे से बड़े यील्ड तक समायोज्य।
चिंता और विवाद
ऐसी क्षमताएँ सैन्य सामर्थ्य बढ़ाती हैं लेकिन परमाणु प्रसार, रणनीतिक अस्थिरता और मिसाइल प्रतिस्पर्धा (arms race) को भी बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा इस तरह की मिसाइलों की तैनाती और शुरुआती हमले के जोखिम पर नैतिक व कूटनीतिक बहस भी जारी रहती है।
