बृजमोहन अग्रवाल बोले, राजनीतिक फायदे के लिए झीरम का इस्तेमाल कर रही भूपेश सरकार

रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने झीरम कांड जांच मामले पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार अपराधबोध से ग्रसित है और इस मामले का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है। कहा, कांग्रेस की सरकार बनने पर नक्सली संगठन के लोग भूपेश सरकार जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। वास्तव में सरकार नक्सलियों के प्रति सद्भाव रखती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में एक भी बड़ा नक्सली नहीं मारा जाता है।
जांच आयोग को नहीं दे सके सबूत
अग्रवाल झीरम मामले में राज्य को जांच के अधिकार के विषय पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि जांच आयोग को कोई सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उससे सरकार को डर क्यों लग रहा है? इसके बाद उन्होंने पूरक जांच आयोग बना दिया, उसके बाद एसआईटी घोषित कर दी। हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को जांच का अधिकार है तो जांच करें, कौन रोका है परंतु सरकार जांच करके कुछ तथ्य सामने लाएं।
केंद्र की दखल से नक्सल प्रभावित जिले में आई कमी
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता अपनी जेब में झीरमकांड का सबूत ले कर घूम रहे हैं। उनके पास कोई सबूत है तो एनआईए को उपलब्ध कराना था। अग्रवाल ने कहा कि पहले देश में 218 जिले नक्सल प्रभावित थे जो मोदी के आने के बाद मात्र 78 जिले प्रभावित बचे हैं। नक्सलियों ने कहा कि अब तो हमारी सरकार आ गई है। वे एक साल तक खुली लूट और हत्याएं करते रहे। जब सरकार को समझ में आया कि दोस्ती से काम नहीं चलेगा तब केंद्र के निर्देश पर ज्वाइंट पालिसी, ज्वाइंट कमांड में शामिल हुए। उसके बाद भी उनका रवैया नक्सलियों के प्रति सद्भावना का रहा।
32 जिले में मंत्रियों की नहीं चल रही
अग्रवाल ने भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के 32 जिलों में मंत्रियों की नहीं चल रही है। कलेक्टर ही मंत्री है और ये सभी कलेक्टर एक जगह से संचालित हो रहे हैं। ये कलेक्टर नियुक्ति, वसूली, कामों के सेंग्सन सब कुछ कर रहे हैं। अब कलेक्टर डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट नहीं वो इस सरकार के वसूली अधिकारी बन गए हैं। ये चुने हुए लोगों की सरकार नहीं अब नौकरशाहों की सरकार है। प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा रेवेन्यू के मामले अटके पड़े हैं। इस सरकार में अधिकारी अपनी जेब भरने और अपने आकाओं को खुश करने के अलावा कोई काम नहीं कर रहे हैं।