राजद्रोह के आरोपी IPS सिंह की एक और याचिका, पुलिस की चार्जशीट को दी है चुनौती, हाईकोर्ट ने शासन से दो सप्ताह में मांगा जवाब

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बिलासपुर : प्रदेश के चर्चित IPS और निलंबित ADG जीपी सिंह की दो याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई हुई। इनमें राजद्रोह के प्रकरण में पुलिस की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत चार्जशीट को भी चुनौती देते हुए संशोधित याचिका लगाई है। जिसमें हाईकोर्ट ने शासन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। दूसरी याचिका में जीपी सिंह की ओर से जवाब प्रस्तुत किया गया है। अब दोनों ही प्रकरणों की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

निलंबित ADG जीपी सिंह को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल रही है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है। बुधवार को उनकी एक याचिका में अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने संशोधित याचिका दायर की। इसमें बताया गया कि पुलिस ने राजद्रोह के प्रकरण में 18 अगस्त को चार्जशीट प्रस्तुत कर दी है। उन्होंने हाईकोर्ट में चालान की प्रति प्रस्तुत करते हुए उसे भी चुनौती देने की बात कही। उनका कहना था कि IPS अफसर केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय से नियुक्त होते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अनुमति लेना आवश्यक है। लेकिन, पुलिस ने बिना अनुमति के अपराध दर्ज करने के साथ ही चालान भी पेश कर दिया है। इस प्रकरण में जस्टिस रजनी दुबे ने राज्य शासन से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

भयादोहन मामले में अधिवक्ता ने दिया जवाब
जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में शासन ने जीपी सिंह की दूसरी याचिका में भी सुनवाई हुई। इसमें शासन ने पहले ही जवाब प्रस्तुत कर दिया है। इसके प्रति जवाब में जीपी सिंह के अधिवक्ता ने अपना तर्क दिया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य शासन ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के जितने भी साइटेशन प्रस्तुत किए हैं। वह सभी याचिकाकर्ता अफसर के पक्ष में है। कोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई भी दो सप्ताह के लिए टाल दी है।

कौन हैं जीपी सिंह

प्रदेश के सीनियर IPS जीपी सिंह कई जिलों के SP, IG रहे। इसके बाद उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेंषण ब्यूरो (EOW) का चीफ भी बनाया गया। 1जुलाई को अचानक उनके बंगले समेत 15 ठिकानों पर छापामारी की गई। इसमें सरकार को अस्थिर करने वाले दस्तावेज समेत आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार के सबूत मिले। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ कई धाराओं में अपराध दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, लेकिन वह समय भी अब खत्म हो चुका है।

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