बीएसपी ज्वाइन करने वाले 1969 बैच का साल भर चलने वाला गोल्डन जुबली समारोह शुरू,पूजा अर्चना के बाद प्लांट और मैत्रीबाग का किया दौरा
भिलाई। देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर 1969 में भिलाई स्टील प्लांट की सेवा ज्वाइन करने वाले अफसर पूरे 50 साल बाद फिर एक बार मिले। मौका था 1969 बैच की गोल्डन जुबली का। साल भर चलने वाले इस समारोह की शुरूआत दो दिवसीय आयोजन से हुई।
इस बैच के सदस्यों ने गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की और इसके बाद 28 दिसंबर को भिलाई स्टील प्लांट का दौरा किया। करीब दशक भर पहले बीएसपी से रिटायर हुए इन अफसरों के कार्यकाल में ही 70 लाख टन आधुनिकीकरण परियोजना का ब्लू प्रिंट बना था। इसलिए इस परियोजना में स्थापित नई इकाईयों को देखने में सदस्यों की ज्यादा रूचि थी। 1969 बैच के सदस्य यहां ब्लास्ट फर्नेस-8 पहुंचे। सदस्यों के मुताबिक उनके जहन में पुरानी इकाईयों में लगी सीढ़ियां और लिफ्ट की याद थी लेकिन यहां सीधे अपने वाहनों से फर्नेस के पास पहुंच गए। अपनी आंखों के सामने 7 एमटी परियोजना को जीवंत देखकर सभी भावुक हो गए। कुछ सदस्य अपने पुराने विभाग भी गए। इसके अलावा रोज गार्डन भी पहुंचे। शाम को सदस्यों ने अमित पार्क इंटरनेशनल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सभी ने एक दूसरे से अपनी यादें साझा की और भिलाई स्टील प्लांट में बिताए सेवाकाल को याद किया। अगले दिन 29 दिसंबर को सदस्यगण मैत्रीबाग पहुंचे। यहां दिन भर विभिन्न मनोरंजक गेम व अन्य गतिविधियों में बिताया। इसके बाद शाम को सागर इंटरनेशनल में शहर के भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी व उनके साथियों की संगीत संध्या हुई। यह पूरा आयोजन साल भर चलेगा, जिसमें समापन नवंबर 2020 में अमृतसर वाघा बार्डर और करतारपुर भ्रमण के साथ होगा। सदस्यों ने कहा कि बीएसपी में बिताए दिनों को कभी नहीं भूल सकते और बीएसपी ने हमें सब कुछ दिया है। जीवन में खुशहाली बीएसपी से आई है। सदस्यों का कहना है कि उनके इस ग्रुप से भले ही कोई भी मैनेजिंग डायरेक्टर नहीं बन पाया लेकिन सेल के टॉप मैनेजमेंट में रहते हुए अपने जीवन का उत्कृष्ट योगदान दिया। कुछ लोगों ने बाद के दिनों में सेल छोड़ कर दूसरा संस्थान भी ज्वाइन किया। सदस्य मिले तो विभिन्न सेक्टरों में जहां-जहां रहे वहां की यादें बांटी।
1969 बैच में ज्यादातर ईडी व जीएम पद से रिटायर
बीएसपी ज्वाइन करने वाले 1969 बैच के ज्यादातर अफसर ईडी व जीएम पद से रिटायर हुए हैं। इनमें एएन सिंह, एपी मूर्ति, बी. सत्यनारायण, बीसी दास, डॉ. बीएन दास, बीएन मिश्रा, बीएन प्रधान, बिजॉय कुमार, सीके मेहरोत्रा, डीसी स्वांईं, गौरीशंकर, जी. जगन्नाधम, आईएस लांबा, जगदीश सिंह, जेपीएन लाल, के पटेल, एलएम सेनापति, डॉ. एल. पाथर्सारथी, एम. बंदोपाध्याय, एम. सेनापति, एनपी बोहिदार, नवीन चंद्रा, पीएन सिंह, पीके भोर, आरएन श्रीवास्तव, रामजीत सिंह, एसए कोटबागी, एसके रथ, एसके भान, एसबी दास अधिकारी, एसडब्ल्यू धबड़गांव, एसबी मोहपात्रा, एसके जैन, एसके सिंघल, एसपी नायक, एस. श्रीनिवासन, टीके चटर्जी, वीपी मौदगिल, एएन सिन्हा, बीके प्रसाद, बीएन सिंह, सीआर मलिक, डीबी श्रीवास्तव, केसी साहू, केएन प्रसाद, मनमोहन सिंह अरोरा, रणजीत गुहारॉय, शिव दयाल,सुबीर चक्रवर्ती, सुदर्शन अरोरा शामिल हैं। वहीं इस ग्रुप के दिवंगत लोगों में मुरली मोहन, एसएम खालदकर, सीबी सिन्हा, एम. रामचंद्रन, नरेश शर्मा, पीआर धर, एसके भटनागर व सुलेमान अहमद शामिल हैं।
प्रधानमंत्री इंदिरा तक पहुंचा था इस बैच का मामला
उस दौर की यादें साझा करते हुए इन ग्रुप के सदस्य बताते हैं कि साल 1971 में हुई एक हड़ताल की वजह से कुछ साथियों को सीधे ब्लूमिंग एंड बिलेट मिल की सोकिंग पिट में पिट कवर क्रेन संचालन कार्य में लगा दिया गया था। लेकिन इन सभी का मेडिकल परीक्षण 4 माह बाद कराया गया और इनमें से नरेश शर्मा, एसके रथ, केसी साहू और एसएम खालदकर को रतौंधी (कलर ब्लाइंड) ग्रसित बताते हुए नौकरी के अयोग्य घोषित कर दिया गया। अचानक नौकरी से निकाले जाने से सभी परेशान हुए। एक साथी नरेश शर्मा ने इसे चुनौती दी और यह मुद्दा एक वामपंथी संसद सदस्य के माध्यम से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक पहुंचा। इसके बाद प्रधानमंत्री ने हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड के चेयरमैन को इन सभी को बहाल करने का निर्देश दिया। फिर आदेश भी जारी हुआ लेकिन इन 4 में से सिर्फ दो ने ज्वाइन किया। शेष एसएम खालदकर ने अपनी इंडस्ट्री शुरू कर ली और केसी साहू ने तब तक भाभा एटामिक सेंटर ज्वाइन कर लिया था। इस बैच से रामचंद्रन पहले थे जिनका चयन ग्रेजुएट इंजीनियर के तौर पर हुआ।
याद किया बोकारो हास्टल से लेकर इंडक्शन का दिन
स्वर्ण जयंती समारोह में 1969 बैच बोकारो हॉस्टल में ट्रेनिंग के दौरान बिताए दिन से लेकर ज्वाइनिंग के बाद हुए इंडक्शन प्रोग्राम तक को याद किया। सदस्य बताते हैं कि सीईडीबी (मेकॉन) और मिल एरिया में पोस्टिंग को लेकर असमंजस की स्थिति थी। जिससे हम सभी को तीन महीने बगैर ट्रेनिंग के बीटीआई जाना पड़ा। किसी को नहीं मालूम था कि विभागवार ज्वाइनिंग सूची कब निकलेगी। अंतत: 9 महीने के बाद सभी की पोस्टिंग हुई। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद नई ज्वाइनिंग के दौरान भिलाई होटल के एमपी हॉल में इंडक्शन कार्यक्रम में जनरल मैनेजर जी. जगतपति और जनरल सुप्रिंटेंडेंट पृथ्वीराज आहूजा दोनों आए थे। जहां एसके भटनागर ने प्लांट में इस्तेमाल होने वाले बहुत से इलेक्ट्रानिक डिवाइस प्रदर्शित किए थे।