Sanchar Saathi App: नई दिल्ली। DoT ने सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों को संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल करने के लिए 90 दिन की डेडलाइन दी, तो देश की राजनीति में हाहाकार मच गया। विपक्ष सरकार पर जासूसी की कोशिश का आरोप लगाने लगा, तो वहीं सरकार ने इस साइबर सुरक्षा के लिए जरूरी बताया। अब केंद्रीय संचार मंत्री ज्योदिरादित्य सिंधिया ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा है कि संचार साथी एप को फोन में अनिवार्य नहीं किया जाएगा, बल्कि यह ऑप्शनल होगा। सिंधिया ने साइबर सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि देश में हर कोई यह नहीं जानता कि उसे फ्रॉड से बचाने के लिए एक एप है, इसलिए जानकारी फैलाना जरूरी है।
‘यह कस्टमर की सुरक्षा का मामला’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘यह कस्टमर की सुरक्षा का मामला है। इसमें कुछ भी जरूरी नहीं है। अगर आप इसे रजिस्टर नहीं करना चाहते, तो न करें। अगर आप इसे डिलीट करना चाहते हैं, तो डिलीट कर दें। लेकिन देश में हर कोई यह नहीं जानता कि उसे फ्रॉड से बचाने के लिए एक एप है। इसलिए यह जानकारी फैलाना हमारी जिम्मेदारी है।’
देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘संचार साथी’ ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके। यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूज़र चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते…
सिंधिया ने कहा, ‘अगर कोई नहीं चाहता तो इसे एक्टिवेट न करे। अगर आप इसे अपने फोन में रखना चाहते हैं, तो रखें। अगर आप इसे डिलीट करना चाहते हैं, तो करें। जैसे जब आप फ़ोन खरीदते हैं, तो कई एप पहले से इंस्टॉल आते हैं। गूगल मैप्स भी आता है। अब अगर आप गूगल मैप्स इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो इसे डिलीट कर दें।’
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संचार साथी एप को स्नूपिंग एप कहा। उन्होंने कहा कि यह नागरिकों की प्राइवेसी का हनन है। प्रियंका ने सरकार पर तानाशाही का आरोप भी लगाया। वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सरकार पर रूस और नॉर्थ कोरिया जैसे काम करने का आरोप लगाया।
