
INDIA US TRADE TENSION : India’s befitting reply to America…
नई दिल्ली, 7 अगस्त. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए एक्स्ट्रा टैरिफ को लेकर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यह फैसला अनुचित, अन्यायपूर्ण और तर्कहीन है और भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
अमेरिका के आरोपों पर भारत का पलटवार
ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि भारत ने रूस से तेल का आयात बंद करने की अमेरिकी अपील को नजरअंदाज किया, इसलिए यह टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका ने इसे अपनी सुरक्षा से जुड़ा मामला बताया है।
इसके जवाब में भारत ने कहा कि:
भारत का ऊर्जा आयात वैश्विक बाजार की स्थिति और घरेलू उपभोक्ताओं की जरूरतों के आधार पर तय होता है।
यह किसी राजनीतिक रुख का हिस्सा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आवश्यकता है।
जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वे खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि भारत की जरूरतें कहीं ज्यादा गंभीर हैं।
“सिर्फ भारत को टारगेट क्यों?”
भारत ने अमेरिकी निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सवाल उठाया कि:
“दुनिया के कई देश अपने हितों के लिए ऐसे फैसले ले रहे हैं, लेकिन टारगेट सिर्फ भारत को किया जा रहा है। यह पक्षपातपूर्ण रवैया है।”
भारत की चेतावनी : चुप नहीं बैठेंगे
विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि भारत :
अपने अर्थिक और रणनीतिक हितों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
किसी भी दबाव या धमकी के आगे नहीं झुकेगा।
पृष्ठभूमि में अमेरिका-रूस-भारत त्रिकोणीय तनाव
हाल के महीनों में अमेरिका ने कई बार भारत की रूस से ऊर्जा और रक्षा व्यापार को लेकर नाराजगी जताई थी। राष्ट्रपति ट्रंप की इस नई घोषणा ने तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत पहले भी ट्रंप की चेतावनियों को असंगत और अनुचित कहकर खारिज कर चुका है।
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने फैसले स्वतंत्र रूप से और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए लेगा – चाहे वह तेल आयात हो या व्यापार नीति। ट्रंप की टैरिफ नीति भारत-अमेरिका रिश्तों में एक नया तनाव जरूर जोड़ सकती है, लेकिन भारत किसी भी एकतरफा दबाव को स्वीकार करने के मूड में नहीं है।