ARIF KHAN CONSTITUTION REMARK : “Gita’s teachings are reflected in the constitution” – statement of Bihar Governor Arif Mohammad Khan
पटना। ARIF KHAN CONSTITUTION REMARK बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि भारत का संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि आत्मज्ञान और मानव कल्याण के मूल्यों पर आधारित आध्यात्मिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि संविधान की हर पंक्ति में श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षा स्पष्ट रूप से झलकती है।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में आत्मज्ञान, कर्म और मानव कल्याण की जो बात कही, वही हमारे संविधान का भी आधार है। “जो आत्मज्ञान प्राप्त करता है, वह केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समस्त मानवता के कल्याण के लिए कार्य करता है।”
भारत ने दुनिया को दिया मानव प्रतिष्ठा का संदेश
ARIF KHAN CONSTITUTION REMARK आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत ने हजारों साल पहले ही मानव प्रतिष्ठा और समानता का संदेश दुनिया को दिया था। “1948 में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणा पत्र (UN Human Rights Charter) की जो बातें थीं, वो हमारे मूल्यों में पहले से मौजूद थीं।”
“आज दुनिया भारत के संदेश के लिए भूखी है”
राज्यपाल ने कहा कि यदि भारत अपने आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात कर ले, तो उसकी दुनिया में किसी से कोई तुलना नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानंद ने कहा था, भारत के पास दुनिया को देने के लिए संदेश है, और आज पूरी दुनिया उस संदेश के लिए भूखी है।”
राजनीतिक हलचल के बीच बयान
गौरतलब है कि इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्यपाल का यह बयान न केवल वैचारिक विमर्श को दिशा देता है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ARIF KHAN CONSTITUTION REMARK वहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत के “75 के बाद मौका दूसरों को” वाले बयान को लेकर भी राजनीति गर्म है, जिसे कुछ विश्लेषक प्रधानमंत्री मोदी के भविष्य को लेकर इशारा मान रहे हैं। इन सबके बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का गीता और संविधान को जोड़ने वाला बयान एक वैचारिक विमर्श को जन्म दे रहा है।
