CG CONGRESS : कांग्रेस में 3 साल से कोषाध्यक्ष का पद खाली, पार्टी पर लगा आर्थिक प्रबंधन में लापरवाही का आरोप

CG CONGRESS: The post of treasurer has been vacant in Congress for 3 years, party accused of negligence in financial management.
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछले तीन साल से कोषाध्यक्ष के बिना काम कर रही है। पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पर ईडी (ED) की रेड और घोटाले के आरोपों के बाद से वे फरार हैं। इसके चलते पार्टी की आर्थिक प्रबंधन और संगठनात्मक गतिविधियों में मुश्किलें आ रही हैं।
कांग्रेस के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कोषाध्यक्ष की अनुपस्थिति पर कहा कि पार्टी का “बैकबोन थोड़ा हिला हुआ” है। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, किसी भी राजनीतिक दल में कोषाध्यक्ष का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। बिना कोषाध्यक्ष के बड़े खर्च और फंड मैनेजमेंट प्रभावित हो रहे हैं।
रामगोपाल अग्रवाल पर घोटाले के आरोप और फरारी –
ईडी ने 2023 में कोयला लेवी और शराब घोटाले के सिलसिले में रामगोपाल अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद उनके खिलाफ 5.89 करोड़ रुपए के गबन के आरोप लगे। कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने आरोप लगाया कि अग्रवाल ने फंड का दुरुपयोग कर इसे निजी कंपनियों को ट्रांसफर किया।
ईडी की जांच के बाद से अग्रवाल पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या सार्वजनिक मंच पर दिखाई नहीं दिए। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 2023 के विधानसभा चुनावों के प्रत्याशी चयन बैठक में दर्ज की गई थी।
पार्टी का प्रबंधन कैसे चल रहा है? –
बिना कोषाध्यक्ष के, कांग्रेस ने 2023 का विधानसभा चुनाव, 2024 का लोकसभा चुनाव और दक्षिण विधानसभा उपचुनाव लड़ा। वर्तमान में, पार्टी के आर्थिक प्रबंधन का जिम्मा महासचिव संभाल रहे हैं।
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नए कोषाध्यक्ष का नाम हाईकमान को भेजा जा चुका है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
पार्टी पर पड़ा असर –
पार्टी के भीतर कोषाध्यक्ष की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोषाध्यक्ष पार्टी का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद होता है। बिना कोषाध्यक्ष के पार्टी की वित्तीय व्यवस्था कमजोर हो गई है।
नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति जल्द –
दीपक बैज ने बताया कि जिलाध्यक्षों के साथ ही संगठन में अन्य पदों की भी जल्द नियुक्ति की जाएगी। बैज मंगलवार को दिल्ली रवाना हो गए हैं, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कोषाध्यक्ष समेत अन्य पदों पर नियुक्ति का ऐलान हो सकता है।
पार्टी पर लगे घोटाले और अव्यवस्था के आरोप –
रामगोपाल अग्रवाल के ईडी जांच से बचने के लिए फरार होने और पार्टी फंड के गबन के आरोपों ने कांग्रेस की छवि पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष भी इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहा है।
क्या कहते हैं जानकार? –
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कोषाध्यक्ष की नियुक्ति में देरी और आर्थिक घोटाले के आरोपों से कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता पर असर पड़ा है। आगामी चुनावों में यह पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।