KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : संसद के भीतर और बाहर नहीं है। भारत की राजनीति में पार्टी लाईन महत्वपूर्ण माना जाता है। आम जनता की भावनाओं के करीब जाकर जिसने भी बयान दिया , उसे बगावत मान लिया जाता है। जबकि विश्व के आधा दर्जन देशों में सांसदों को आम जनता की भावनाओं को जोरदार तरीके से उठाने का अधिकार है। इस पर बहस भी चल रही है।
हाल ही में दो सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विजय बघेल ने सार्वजनिक रूप से सीमेंट के मूल्यों में वृद्धि और मोदी गारंटी के लागू होने में विलंब का मुद्दा उठाकर अपने ही सरकार को घेर दिया है। विजय बघेल के सगे साढ़ू अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष हैं। विजय ने फेडरेशन की मांगों को पूरा करने के लिए पत्र लिखकर साढ़ू को भी खुश कर दिया है।
दूसरी तरफ ,छत्तीसगढ़ के एकमात्र केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने बिलासपुर रेल्वे जोन में रेल्वे अधिकारियों के साथ बैठक लेकर छत्तीसगढ़ में रेल के चलने में विलंब और कैसिंल होने से आम जनता को होने वाली तकलीफ का मुद्दा उठाया। साथ ही नाराजगी जाहिर की ,और रेल्वे की अव्यवस्था को दूर करने के दिशा निर्देश दिए। प्रदेश के एक और भाजपा सांसद की नाराजगी की खबर भी आ रही है।
प्रशासनिक फेरबदल
प्रदेश के दिग्गज माने जाने वाले आईएएस अधिकारियों की दिल्ली से वापसी के बाद अगले हफ्ते प्रशासनिक फेरबदल होना तय माना जा रहा है। सीनियर आईएएस अधिकारी अमित कटारिया, डॉ रोहित यादव, रजत कुमार को महत्वपूर्ण पद मिलने की चर्चा है। इन अधिकारियों की किस विभाग में क्या जिम्मेदारी दी जाएगी इस पर सभी की निगाहें लगी है। मंत्रालय में वैसे भी नीलिमा एक्का सहित कई अधिकारी नई पोस्टिंग के इंतजार में बैठे है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के कामकाज में गति लाने के लिए एक नई टीम तैयार करने की कवायद चल रही है।
पुलिस में फेरबदल के कई संकेत
पुलिस विभाग में लंबे समय से चलते उठा-पटक के बीच हुए मामूली फेरबदल से कई संकेत दिए गए हैं। डीजीपी की दौड़ में शामिल हिमांशु गुप्ता को जेल डीजीपी बनाकर थोड़ा इंतजार करने कहा गया है। वैसे भी जेल विभाग में चलते उठा-पटक से सरकार नाराज थी। लेव्ही घोटाले के एक आरोपी को खास सुविधाएं देने के मामले में कुछ लोगों पर और गाज गिर सकती है। गृहमंत्री विजय शर्मा अपने विभाग के गतिविधियों पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। गड़बडिय़ों की शिकायत मिलते ही कार्यवाही करने में हिचक नहीं रहे हैं।
क्यों खफा हुए केन्द्रीय मंत्री
केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू रेलवे से खफा चल रहे हैं। उन्होंने दक्षिण पूर्व रेलवे की बैठक में जाहिर भी कर दी। उनकी नाराजगी की वजह कुछ और ही है।
बताते हैं कि तोखन साहू ने एक अधिकारी के तबादले के लिए रेलवे के आला अफसरों को फोन किया था।
चर्चा है कि रेलवे अफसरों ने मंत्री जी की सिफारिशों पर अमल करना तो दूर, कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। ऐसे में मंत्रीजी की नाराजगी स्वाभाविक थी जो कि बैठक में उभर कर सामने आ गई।
टिकट के लिए भू माफिया भी सक्रिय
रायपुर दक्षिण से भाजपा की टिकट के लिए ऐसे ऐसे लोग दावेदारी कर रहे हैं, जिनका नाम सुनकर स्वाभाविक दावेदार भी हलाकान हो गए हैं। ऐसे ही एक भू माफिया ने टिकट के लिए अपनी ठोंकी है। भू माफिया के लिए जिस तरह कुछ प्रभावशाली लोगों ने लाबिंग शुरू की है, वह पार्टी के कई नेताओं को चौंका रहा है। प्रत्याशी चयन में बृजमोहन अग्रवाल की भूमिका रहेगी, और वो किनके नाम पर सहमति देते हैं, यह देखने वाली बात है।
भर्ती परीक्षा में लेन-देन का आडियो टेप..
सरकारी भर्ती धांधली की कई एजेंसियां जांच कर रही है। ऐसे ही एक भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत पर अब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो अभ्यर्थियों ने लेन-देन का टेप जारी करने का मन बना लिया है।
बताते हैं कि चयन प्रक्रिया तो कांग्रेस सरकार में शुरू हुई थी, लेकिन इस सरकार का रवैया उदासीन दिख रहा है। क्योंकि लेन-देन करने वाले अभी भी प्रभावशाली बने हुए हैं।
चर्चा है कि विभागीय अफसरों और अभ्यर्थियों के बीच लेन देन की बातचीत के 14 टेप तैयार हैं जिसे कोर्ट में पेश में पेश करने के लिए कानूनी सलाह ली जा रही है। कहा जा रहा है चयनित अभ्यर्थियों से 35-35 पेटी लिए गए हैं।टेप की वजह से अब आने वाले दिनों में मामला गरमाने के आसार दिख रहे हैं।