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Krishna Janmashtami 2024 : छत्तीसगढ़ में काफी प्रसिद्ध है भगवान कृष्ण ये 5 मंदिर, आज के दिन जरूर करें दर्शन …

जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व को लेकर पूरे देश में काफी ज्यादा धूम देखी जाती है. भारत के अलावा विदेशों में भी बसे भारतीय पूरे आस्था और उल्लास से कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं. इस बार ये त्योहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में भी सभी कृष्ण मंदिरों में अभी से तैयारी शुरू हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के कृष्ण भगवान के ऐसे मंदिर हैं, जहां जन्माष्टमी के दिन बड़े धूमधाम से कृष्ण जी की पूजा की होती है.

इनमें रायपुर का इस्कॉन मंदिर और समता कॉलोनी का राधा कृष्ण मंदिर, भिलाई का अक्षयपात्र मंदिर, बिलासपुर का खाटू श्याम और वेंकटेश मंदिर काफी प्रसिद्ध है. जहां धूमधाम से भगवान की भगवान श्री कृष्ण जी की जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2024) मनाई जाती है. Read More – Anant Ambani और Radhika Merchant की शादी की रस्में हुईं शुरू, मामेरु रस्म में दिखा पूरा परिवार …

छत्तीसगढ़ के 5 सबसे बड़े कृष्ण मंदिर (Krishna Janmashtami 2024)

रायपुर इस्कॉन मंदिर: राजधानी रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के लिए इस्कॉन मंदिर में विशाल पंडाल बनाया जाता है. राधा कृष्ण के लिए पोशाक एवं आभूषण वृंदावन एवं मुंबई से मंगाए जाते हैं. हर साल रायपुर इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि विदेश से पर्यटक भी कृष्ण भगवान के दर्शन लिए यहां पहुंचते हैं

रायपुर राधा कृष्ण मंदिर : रायपुर के समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में साज सजावट के लिए विशेष तौर से कोलकाता के कारीगरों को बुलाया जाता है. रायपुर के कृष्ण मंदिरों में सबसे बड़े मंदिर में से एक है समता कॉलोनी का राधा कृष्ण मंदिर. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही आम भक्तों का तांता रहता है.

भिलाई अक्षयपात्र मंदिर : छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित अक्षयपात्र मंदिर छत्तीसगढ़ में कृष्ण भगवान के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 108 प्रकार के पकवान का भोग भी लगाया जाता है. हर साल अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं.

बिलासपुर खाटूश्याम मंदिर : कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खाटूश्याम मंदिर में हर साल विशेष सजावट किया जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रदेश के सभी बड़े कृष्ण मंदिरों में मेले जैसा माहौल रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का ताता रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में भजन कीर्तन शुरू रहता है. जिसके बाद शाम के समय मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

बिलासपुर वेंकटेश मंदिर : हर साल बिलासपुर के वेंकटेश मंदिर में कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही भजन कीर्तन शुरू हो जाता है. यहां बड़े ही धूमधाम से शाम को संध्या आरती की जाती है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के मनमोहक रूप के दर्शन करने पर्यटक यहां दूसरे राज्यों से भी आते हैं. पिछले साल बिलासपुर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मलखंब प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था.

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