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BREAKING : आईएएस अधिकारी गिरफ्तार, भ्रष्टाचार का आरोप ..

IAS officer arrested, accused of corruption ..

डेस्क। गुजरात कैडर 2011 बैच के IAS अधिकारी के. राजेश को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है. रिश्वत के मामले में आरोपी आइएएस अधिकारी के. राजेश के बिचौलिए को जेल भेज दिया गया है.

आरोप है कि आइएएस के.राजेश ने घूस लेकर अवैध तरीके से हथियार के लाइसेंस जारी किए. गांधीनगर में 2011 बैच के आईएएस सुरेंद्रनगर के पूर्व कलेक्टर के. राजेश के घर पर सीबीआई का छापा पड़ा था. जांच के बाद साफ हुआ कि राजेश ने कलेक्टर रहते हुए 101 बंदूक लाइसेंस अवैध तरीके से जारी किए थे जिसमें एक मंत्री का रिश्तेदार भी शामिल है. आइएएस पर जमीन मामलों में गड़बड़ी करने का आरोप भी लगा है.

भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में सीबीआई, आईएएस अधिकारी के. राजेश के अहमदाबाद आवास पर छापेमारी की थी. जबकि आइएएस के खिलाफ जांच जारी है. इससे पहले शुक्रवार को उनके घर और अन्य परिसरों की तलाशी ली गई।

उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप केंद्रीय जांच एजेंसी की दिल्ली इकाई में दर्ज हैं। इसके तहत पिछले दो दिनों में सीबीआई अधिकारियों ने सूरत, गांधीनगर, सुरेंद्रनगर और आंध्र प्रदेश में राजेश के पैतृक गांव में एक साथ छापेमारी की गई।

सीबीआई ने कहा कि तलाशी के दौरान राजेश के परिसरों से कई आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में नौकरशाह के साथ-साथ उनके कथित बिचौलिए सूरत के एक व्यापारी रफीक मेमन को भी गिरफ्तार किया गया है।

2011 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश वर्तमान में गांधीनगर में गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। आरोप है कि सुरेंद्रनगर जिले के कलेक्टर रहते हुए उन्होंने बंदूक लाइसेंस जारी करने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत ली थी।

नौकरशाह का कुछ समय पहले गृह विभाग से तबादला कर दिया गया था, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दर्ज की गई थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के एक सेवानिवृत्त अधिकारी द्वारा गुजरात में राजेश के खिलाफ पहले से ही एक उच्च स्तरीय जांच की जा रही थी। इसलिए कि आईएएस अधिकारी पर संदिग्ध भूमि सौदों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था।

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