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30 हजार लीटर गोबर पेंट उत्पादित, 14 हजार लीटर से 29 लाख की आय

रायपुर । मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 13 यूनिटें शुरू हो चुकी है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 30,218 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 14,358 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 29 लाख 70 हजार 300 रूपए की आय हुई है। फिलहाल 21 जिलों में के 32 चिन्हित गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है, जहां शीघ्र ही प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होने लगेगा।

गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए कुल 45 पेंट उत्पादन यूनिट की स्वीकृति दी गई है। जिसमें 13 की स्थापना पूरी कर वहां उत्पादन शुरू कर दिया गया है। रायपुर जिले में 2 यूनिट स्थापित हुई है, जबकि कांकेर, दुर्ग, बालोद, कोरबा, कोरिया, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बेमेतरा, सूरजपुर एवं बस्तर जिले में 1-1 यूनिट स्थापित एवं क्रियाशील हो चुकी हैं। रायपुर जिले की 2 यूनिटों में अब तक सर्वाधिक 11 हजार लीटर, कांकेर में 7768 लीटर, दुर्ग में 2900, बालोद में 700, कोरबा में 284, कोरिया में 800, कोण्डागांव में 2608, दंतेवाड़ा में 1443, बीजापुर में 800, बेमेतरा में 300, सूरजपुर में 500 एवं बस्तर में 1160 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है। उत्पादित पेंट का विक्रय भी किया जा रहा है।

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