Chief Minister Dai-Didi Clinic Yojana: महिलाओं के वरदान साबित रही मुख्यमंत्री की दाई-दीदी क्लीनिक योजना, अब तक 2036 से अधिक बार लग चुके हैं कैंप
रायपुर। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लाभ मिला, जो इलाज के वक्त चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताने में हिचकिचाती थी। इस योजना के शुरुवात से महिलाओं ने ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ के रूप में कल्याणकारी सेवाओं तक पहुँचने में संतोष और राहत महसूस की। इस योजना का लाभ शहरी स्लम क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे अधिक हुआ।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना महिलाओं के लिए कल्याणकारी साबित हो रही है। इस योजना से महिलाओं को छोटी-मोटी बिमारियों के इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ते। इसके अलावा महिलाओं को भी स्वास्थ्य उपचार में उच्च गुणवत्ता मिल रही है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर महिलाओं के लिए दाई-दीदी क्लीनिक का शुभारंभ किया। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर मोबाइल क्लीनिक को रवाना किया,जिसमें पूर्ण रूप से महिला डॉक्टरों की टीम महिलाओं का उपचार करेगी। इसके अलावा इस योजना से महिलाओं को घर के पास ही इलाज और मुफ्त में दवाइयां भी मिल रही है।
दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने एक सफल मॉडल तैयार किया है जो स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंदों, गरीबों और अन्य लोगों के घर तक ले जाता है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने दाई दीदी क्लिनिक योजना की शुरुवात की। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लाभ मिला, जो इलाज के वक्त चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताने में हिचकिचाती थी। इस योजना के शुरुवात से महिलाओं ने ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ के रूप में कल्याणकारी सेवाओं तक पहुँचने में संतोष और राहत महसूस की। इस योजना का लाभ शहरी स्लम क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे अधिक हुआ। वहीं, इसे लेकर रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, “वर्तमान अभ्यास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण और हर मुहल्ले के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों की भर्ती करने से बेहतर है, जिससे भारी धनराशि का निवेश होता।”
क्या है मुख्यमंत्री की दाई दीदी क्लिनिक योजना
प्रदेश की सरकार ने महिलाओं के लिए अलग-अलग योजनाएं शुरू की। जिससे महिलाओं की काफी सहायता मिली। ऐसी एक और योजना छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू की, जिसके अंर्तगत अगर कोई महिला अपना इलाज कराने के लिए दाई दीदी क्लीनिक आती है तो उसका इलाज मोबाइल वैन में किया जाएगा। जिसकी सारी सुविधाएं सरकार की ओर से वैन में की जाएगी। चाहे वो यूरिन टेस्ट हो या फिर बल्ड टेस्ट। इसके लिए महिला स्टाफ को नियुक्त किया जाएगा। ताकि जो महिलाएं समस्याएं बताने में झिझकती हैं वो आसानी से उन महिला स्टाफ को अपनी समस्याएं बता सके।
क्या है इस योजना का उद्देश्य
इस योजना उद्देश्य महिलाओं की मेडिकल सहायता करना। खासकर उन महिलाओं की जो खुलकर अपनी परेशानियां डॉक्टर के सामने नहीं रखती। क्योंकि उन्हें डर रहता है कि, उनकी ये परेशानी सबके सामने आ जाएगी। लेकिन इसके लिए सरकार ने अब इस योजना को शुरू किया है। ताकि उन्हें ऐसी कोई भी समस्या ना हो और वो आसानी से अपना इलाज करा सके। सरकार ने इसे हमारी देश क पूर्ण प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन के दिन शुरू किया गया। इसलिए इसका नाम दाई दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना रखा गया। इस योजना के शुरू होने के बाद महिलाओं के लिए इलाज कराना अब काफी आसान हो गया है। जिसके बाद वो आसानी से वहां जाए और अपना इलाज करा सकती हैं।
अब तक 2036 से भी अधिक कैंप लगे
महिलाओं ने अपने ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ के रूप में कल्याणकारी सेवाओं तक पहुँचने में संतोष और राहत महसूस की। जब से यह योजना शुरू की गई है, 1.20 लाख से अधिक महिलाएं और 19,500 लड़कियां इससे लाभान्वित हुई हैं, जिनमें से अधिकांश शहरी स्लम क्षेत्रों में हैं। एक लाख से अधिक रोगियों के लिए प्रयोगशाला परीक्षण किए गए और 1,12,380 महिलाओं को मुफ्त दवाएं दी गईं। वहीं, मुख्यमंत्री दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से अब तक छत्तीसगढ़ में करीब 2036 से भी अधिक कैंप लगाये जा चुके हैं। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में रहने वाली 1 लाख 52 हजार 361 महिलाओं और बच्चियों का उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया।
वरदान के रूप में उभरी दाई दीदी क्लिनिक योजना
लाभार्थी बसंत धीवर दाई दीदी क्लिनिक योजना के बारे में बताते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, यह योजना रायपुर के कोटा में उनके इलाके के निवासियों के लिए एक वरदान के रूप में उभरी। वहीं, भिलाई की रजनी बाग ने कहा कि, “स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं ने महिला रोगियों के साथ सहानुभूति व्यक्त की और एमएमयू में उनकी टीम के काम ने हमारे स्थान पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में मदद की।” राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए स्वीकृत 170 आवश्यक दवाएं हर एमएमयू में अनिवार्य रूप से उपलब्ध हैं। मरीजों के लिए उपलब्ध दवाएं सरकार द्वारा प्रतिष्ठित 30 दवा कंपनियों से खरीदी जाती हैं।
भिलाई की सरोज साहू को मिला मोबाइल मेडिकल यूनिट का लाभ
कथा सुनने आयी सरोज साहू ने बताया कि अचानक से उन्हें बेचैनी महसूस हो रही थी, इस पर उन्होंने अस्पताल जाकर चिकित्सकों से इलाज कराने की ठानी, परंतु जैसे ही उनकी नजर मोबाइल मेडिकल यूनिट पर पड़ी तो उन्होंने मौके पर ही चिकित्सकों को अपनी बेचैनी के बारे में बताया, मोबाइल मेडिकल यूनिट में मौजूद डॉक्टर ने तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण किया तथा शुगर अधिक होना पाया। उन्हें तुरंत शिविर के माध्यम से शुगर से संबंधित दवाइयां दी गई। इससे सरोज ने निगम प्रशासन, जिला प्रशासन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल का स्वास्थ्य शिविर लगाने के लिए धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।