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JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS : जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग और अधजले नोटों की जांच तेज, 3 जजों की कमेटी छानबीन के लिए पहुंची …

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JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS : Investigation into the fire and burnt notes at Justice Yashwant Verma’s house has intensified, a committee of 3 judges has arrived for investigation…

नई दिल्ली, 25 मार्च। JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में लगी आग और वहां से अधजले नोट मिलने के मामले में गठित तीन जजों की कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। कमेटी के सदस्य सोमवार को जस्टिस वर्मा के आवास पर पहुंचे और करीब 45 मिनट तक जांच की।

जांच कमेटी ने की छानबीन

JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS सूत्रों के अनुसार, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी. एस. संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन ने मौके पर जाकर जांच की। तीनों जज उस कमरे में भी गए जहां अधजले नोट मिले थे। कमेटी अब आगे की जांच की रूपरेखा तय करेगी और इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को सौंपी जाएगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी नहीं कर सकेंगे न्यायिक कार्य

JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर की सिफारिश की, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है। हालांकि, ट्रांसफर के बावजूद इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी वे न्यायिक कार्य नहीं कर सकेंगे।

क्या ट्रांसफर ही अंतिम कार्रवाई है?

सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस वर्मा पर कार्रवाई केवल ट्रांसफर तक सीमित नहीं रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घटनाक्रम का न्यायपालिका पर दूरगामी असर होगा।

ट्रांसफर और जांच प्रक्रिया अलग-अलग

JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इन-हाउस जांच से स्वतंत्र है, क्योंकि जजों के तबादले का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के पास होता है।

इन-हाउस जांच में सिर्फ CJI की भूमिका होती है, जो संबंधित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांग सकते हैं।

न्यायपालिका में हलचल

JUSTICE YASHWANT VERMA NEWS जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के वरिष्ठ जजों में से एक थे और कॉलेजियम के सदस्य भी थे। चूंकि कथित घटना दिल्ली में हुई, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की। अब उनकी भूमिका और भविष्य को लेकर न्यायपालिका में चर्चा तेज हो गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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