
रायगढ़ ..जिले के औद्योगिक क्षेत्र पूंजी पथरा के आसपास स्थित आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण जो पिछले तीन सालों से अपने क्षेत्र की सड़क खस्ताहाल सड़क के निर्माण की मांग कर रहे थे,उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए ग्राम जमडभरी के हड़ताल चौक पर आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी।
जिसके बाद स्थानीय उद्योगों में आने जाने वाले व्यवसायिक वाहनों की लंबी कतारे लग गई थी। जिससे उद्योग संचालन में काफी परेशानियां आ रही थी। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर जब घरघोड़ा एसडीएम दिगेश्वर पटेल विरोध स्थल पर पहुंचे तब उन्हे स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि किस तरह से क्षेत्र में स्थापित उद्योग अपनी मनमनानियां कर रहे हैं।
पहले तो एन आर इस्पात ने ग्रामीणों के आवागमन के मार्ग को घेर कर उन्हे तीन km घूम कर आने जाने के लिए मजबूर कर दिया है। यही नहीं उद्योग संचालको के कहने पर क्षेत्र में बनी ग्रामीण सड़कों पर बड़ी संख्या में भारी वाहनों का अवैध आवागमन होता है। जिससे क्षेत्र की सड़कें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। सड़कों पर दो से तीन फीट के गड्ढे बन आएं है। जिसके कारण हजारों ग्रामीणों का सड़क पर चलना दुभर हो गया है। टूटी फुटी सड़कों की वजह से आए दिन हादसे भी होते है।
इधर सालासार उद्योग प्रबंधन के द्वारा आसपास के गांवों में बेतरतीब ढंग से कही भी फ्लाई एस डंप करने और अधिग्रहण से प्रभावित ग्रामीणों को नौकरी न दिए जाने से क्षुब्द ग्रामीण भी आर्थिक नाकेबंदी का हिस्सा बन थे। सालासर उद्योग प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर प्रदूषण फैलाने से ग्रामीणों की स्वास्थ्यगत समस्याएं भी गंभीर हो चुकी है। सड़कों पर बने गड्ढे छुपाने के लिए इसी उद्योग प्रबंधन के द्वारा बीते दिनों फ्लाई एस की पटाई की गई थी। जिससे बारिश के इस मौसम में सड़क पर सामान्य आवागमन की परेशानी और भी बढ़ गई।
ग्रामीणों की समस्याओं को समझते हुए एसडीएम श्री पटेल ने स्थानीय उद्योग प्रबंधन के प्रतिनिधियों को मौके पर ही निर्देशित करते हुए,उनके द्वारा क्षति ग्रस्त की गई सड़कों को अविलंब बनवाने का निर्देश दिया। साथ ही फ्लाई एस के अवैध डंपिंग पर तुरंत रोक लगाने और प्रभावितों को नियमानुसार नौकरी देने को भी कहा गया।
इस तरह ग्रामीणों ने एसडीएम घरघोडा के आश्वासन के बाद आर्थिक नाके बंदी को वापस लेने का निर्णय लिया। जिससे पुनः समान्य स्थिति बहाल हुई।