उपजास’- बच्चों के लिए आदिवासी नेताओं के समूह का शुभारंभ, राज्य का पहला ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन…पढ़िये पूरी खबर
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के पहले ‘ट्राइबल लीडर्स कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन’ (बच्चों के लिए आदिवासी नेताओं और समुदाय के प्रभावी व्यक्तियों का समूह)-“उपजास” का शुभारंभ आज यहां जगदलपुर में किया गया। ‘उपजास’ का अर्थ है “माँ प्रकृति”, और यह मंच यूनिसेफ और मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स (एमसीसीआर) द्वारा समर्थित है। उपजास समूह में शामिल आदिवासी नेताओं द्वारा समुदायों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के साथ ही COVID टीकाकरण को बढ़ावा देने का कार्य किया जाएगा।
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा कि आदिवासी नेताओं की बातों और और उनकी सलाह का लोग सम्मान करते हैं। बैगा, गुनिया, पुजारी, सिरहास और वैद्य आदिवासी समुदायों में प्रभावशाली नेता और प्रमुख मौजूद हैं। समुदाय के प्रमुख लोगों की राय, उनके दृष्टिकोण और व्यवहार को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आदिवासी समुदाय प्रमुख दस व्यवहारों और प्रथाओं को बढ़ावा दें।”
मारिया, मड़िया, भात्रा, मुरिया, धुरवा और बस्तर क्षेत्र के अन्य आदिवासी समुदायों के लगभग 50 आदिवासी नेताओं ने इस शुभारम्भ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लोकनाथ बघेल, मुख्य पुजारी, गिरोला मंदिर, शंकर कश्यप, मुख्य पुजारी, थोकपाल, लक्ष्मण, वरिष्ठ सिरहा, दरबाह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। लॉन्च के दौरान, ‘उपजास’ ट्राइबल कलेक्टिव फॉर चिल्ड्रन का ‘लोगो’ भी जारी किया गया।
एमसीसीआर के सलाहकार नरेंद्र यादव ने कहा कि “उपजास एक त्रिपक्षीय मंच है जो आदिवासी नेताओं, मीडिया और यूनिसेफ का प्रतिनिधित्व करता है।” उन्होंने कहा की यह राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी तरह की पहली नवाचारी पहल है।
छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ आदिवासी नेताओं के साथ जुड़ कर महिलाओं और बच्चों से संबंधित बुनियादी और आवश्यक सेवाओं को बढ़ावा देता है। गर्भावस्था के शुरुआती पंजीकरण, पूर्ण एएनसी, टीकाकरण, छह महीने के लिए विशेष स्तनपान और समय समय पर साबुन से हाथ धोने के महत्त्व के बारे में भी यूनिसेफ द्वारा जागरूकता पैदा की जा रही हैं।
यूनिसेफ इंडिया पहले भी विभिन्न धर्म के समुदायों के साथ मिलकर बच्चों को प्रभावित करने वाले व्यापक मुद्दों पर काम करता आया है। यूनिसेफ अपने व्यापक और प्रभावी नेटवर्क के ज़रिये सबसे अधिक वंचित समूहों तक पहुँचता हैं और उनसे जुड़े मुद्दों पर कार्य करता। है।