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पांच साै मेगावाट की दो यूनिट बंद, सेंट्रल सेक्टर के भरोसे प्रदेश हो रहा राेशन

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी के पांच सौ मेगावाट की दो यूनिट बंद पड़े हैं। इसके कारण कंपनी की अपनी बिजली का उत्पादन डेढ़ हजार मेगावाट के आसपास ही हो रहा है। इस समय खपत साढ़े तीन हजार मेगावाट होने से आपूर्ति करने के लिए सेंट्रल सेक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां से दो हजार से 22 साै मेगावाट तक बिजली लेकर प्रदेश को राेशन किया जा रहा है। बंद यूनिटों को ठीक करने की कवायद चल रही है। पॉवर कंपनी के पास बिजली की कोई कमी नहीं है। उसका अपना उत्पादन ही करीब तीन हजार मेगावाट हो जाता है। इसी के साथ सेंट्रल सेक्टर से दो हजार मेगावाट का शेयर है। लारा के 800 मेगावाट के यूनिटों से करीब चार सौ मेगावाट बिजली मिल जाती है। इसी के साथ अन्य निजी प्लांटों से भी लागत मूल्य में पांच फीसदी बिजली मिलती है। ऐसे में कंपनी के पास छह हजार मेगावाट के आसपास बिजली हो जाती है। जब कंपनी का अपना उत्पादन भरपूर होता है, तब सेंट्रल सेक्टर से कम बिजली ली जाती है, लेकिन जब किसी यूनिट में खराबी आती है, तब सेंट्रल सेक्टर से ज्यादा बिजली लेकर पूर्ति करने का काम होता है।

बारिश में कम खपत

बारिश होने के कारण इस समय खपत का ग्राफ करीब हजार मेगावाट कम है। गर्मी के समय में खपत साढ़े चार मेगावाट के आसपास रहती है। बारिश में एसी और कूलरों के बंद होने के कारण खपत कम हो जाती है, लेकिन मानसून के सीजन में भी उमस होने पर एसी और कूलर चलते हैं तो खपत चार हजार मेगावाट तक चली जाती है। कुछ दिनों पहले खपत चार हजार मेगावाट तक गई थी, लेकिन अभी खपत कम है। पॉवर कंपनी के अधिकारियों का कहना है, बिजली की कहीं कोई कमी नहीं है। जो यूनिट बंद हैं, उनको जल्द ठीक कर लिया जाएगा। पांच सौ मेगावाट की एक यूनिट मड़वा और दूसरी पांच सौ मेगावाट की कोरबा वेस्ट की यूनिट है। इसमें पिछले कुछ दिनों से उत्पादन नहीं हो रहा है।

 

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