
सरगुजा भाजपा और कांग्रेस प्रभावशाली कई नेता मिलजुलकर कारोबार करते आए हैं। ऐसे ही जमीन से एक प्रकरण में जिला अदालत ने भाजपा के जिला अध्यक्ष और कांग्रेस के एक बड़े कारोबारी समेत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
बताते हैं कि एक पूर्व मंत्री के करीबी कांग्रेस नेता के यहां पहले ईडी जांच कर चुकी है। वो अभी भी जांच के घेरे में हैं। मगर अब उन्होंने भाजपा के जिला अध्यक्ष के साथ मिलकर एक महिला की जमीन विवाद का फायदा उठाकर जमीन हड़पने की साज़िश रची। एग्रीमेंट जितने का हुआ, उसकी आधी राशि भी नहीं दी । मामला अदालत में गया, तो अदालत ने भाजपा के जिलाध्यक्ष समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सरकार होने का फायदा भी होता है। जिला अध्यक्ष ने अपने खिलाफ प्रकरण दर्ज होने से रूकवा की कोशिश में हैं, और हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। मगर पार्टी के भीतर जिला अध्यक्ष की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई और जिले के विधायकों ने प्रदेश संगठन तक बात पहुंचाई है। आने वाले दिनों में मामला गरमा सकता है।
किरणदेव की कार्यकारिणी शीघ्र…
भाजपा अध्यक्ष किरण देव की कार्यकारिणी लगभग बनकर तैयार हो गयी है। इसी सप्ताह जम्बो कार्यकारिणी घोषित हो सकती है। कार्यकारिणी में नए और युवा चेहरों को महत्व मिलेगा। बेलतरा के पूर्व विधायक रजनीश सिंह को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत है। वर्तमान कार्यकारिणी में कुछ नेताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जायेगी। यह फेरबदल विधानसभा चुनाव के पहले तक मैदान में दौड़ लगायेगी।
जनसुनवाई बनाम भ्रष्टाचार…
सरकार में अनियंत्रित व्यवस्था के चलते भ्रष्टाचार के किस्से अधिक सुनाई देते हैं। जो जहां बैठा हैं, वहां का मालिक समझ बैठा है। सिंगल विडों सिस्टम भी काम नहीं कर रहा है।
रायपुर जिले में एक बड़े उद्योग ने करीब 20 करोड़ शासन में जमा कर खदान लिया। अब इस उद्योग को स्थापित करने जनसुनवाई की कहानी बड़ी दिलचस्प है। सरपंच संघ के अध्यक्ष सहित क्षेत्र के हर पदाधिकारी करोड़ों की मांग कर रहे हैं। बड़े अधिकारी भी बार-बार जनसुनवाई की तिथि बढ़ाकर रकम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। एक पदाधिकारी ने यह दावा किया कि आरबीआई ने अभी तक एक कोई नोट नहीं बनाया है जिससे मैं बिक सकूं। पदाधिकारी ने धमकी दे देकर क्षेत्र के कई उद्योगों को संकट में डाल दिया है।
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कैबिनेट विस्तार को
लेकर हलचल
विष्णुदेव सरकार में दो मंत्री बनाए जाने की कवायद लगभग पूरी हो गयी है। राजनीतिक समीकरण के तहत दो लोगों को मंत्री बनाए जाने पर सहमति बन गयी है। सीएम विष्णु देव साय की मंत्रीमंडल का पुनर्गठन शीघ्र चाहते हैं। राजनीतिक समीकरण धीरे-धीरे उनके अनुकूल बनता जा रहा है। सरकार को गति देने के लिए मंत्रीमंडल के नामों की जानकारी केन्द्रीय नेतृत्व को दे दी गई है। केन्द्रीय नेतृत्व के सामने कौन से नाम दिये गए हैं, इस पर कयास लगाए जा रहे हैं। केन्द्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ की कई समस्याओं को लेकर अभी विचार विमर्श शुरू नहीं किया है। डबल इंजन की सरकार की गति मंत्रिमंडल गठन को लेकर रूकी हुई है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मुद्दे पर चर्चा होने के संकेत है। केन्द्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद मंत्रिमंडल गठन की औपचारिकता को पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व में सहमति बनने के बाद अब केन्द्रीय नेतृत्व से मंजूरी का सबको इंतजार है।
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निगम मंडल नियुक्ति जुलाई तक…
विष्णुदेव सरकार बचे हुए निगम मंडलों में नियुक्ति जुलाई माह में कर सकती है। प्रदेश कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया पूरा होने के बाद निगम मंडलों में नियुक्ति करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। निगम मंडलों के बचे हुए पद में भी निष्ठावान पदाधिकारियों की नियुक्ति करने की कवायद की जा रही है। इसमें भूपेश सरकार के समय जोरदार तरीके से परफारमेंस देने वाले को जगह मिल सकती है। निगम मंडल नियुक्ति में नये चेहरे सक्रिय चेहरे को जगह देने की तैयारी है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली से नाराजगी..
अस्पतालों में रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश से स्वास्थ्य विभाग की काफी भद पिटी है। इस तरह से आदेश निकालना और मुख्यमंत्री की नाराजगी के दो दिन बाद आदेश निकलने की घटना को संगठन ने काफी गंभीरता से लिया है। संवेदनशील मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के स्टाफ और अधिकारियों की भी क्लास लगी है। बताया गया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नाराजगी के बावजूद भी अधिकारियों ने आदेश स्थगित करने में दो दिन लगा दिए। तब तक सोशल मीडिया में खबरें चलती रही। संगठन के पदाधिकारियों ने भी इस तरह के मुद्दे पर राजनीतिक नजरिया का अभाव माना है।