
Tickets will be cut for many big leaders, candidates will be decided from Delhi
रायपुर। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बार छत्तीसगढ़ में कई बड़े नेताओं के टिकट काटने के मूड में हैं। यह संकेत कल रात दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से निकल कर आये हैं।
क़रीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में छत्तीसगढ़ की 27 सीटों पर जातिगत, सामाजिक व राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखकर जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा आलाकमान बड़े बदलाव करने के मूड में हैं। कई चेहरों को बदला जा सकता है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के नेताओं ने तीस सीटों पर एक-एक नाम पेश किए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस सूची को सिरे से ख़ारिज करते हुए हर सीट से तीन-तीन नामों का पैनल देने को कहा। दरअसल प्रदेश की सूची में उन बड़े नेताओं के भी नाम थे, जो पिछला चुनाव हार गये थे। इससे साफ़ हो गया कि टिकटों का मामला प्रदेश भाजपा के हाथ से निकल गया है। अब सारे फ़ैसले दिल्ली में होंगे। साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में किसी नेता को प्रोजेक्ट नहीं किया जायेगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नारा दिया है – ‘जीतेगा कमल और खिलेगा कमल’।
सीटों को 4 केटेगरी में बांटकर चर्चा
सूत्रों के हवाले से मिली जानकरी के अनुसार नड्ढा की अध्यक्षता में चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ की बी सी और डी कैटेगरी की कुल 27 सीटों को लेकर चर्चा हुई। सभी के लिए उम्मीदवारों के पैनल पर भी चर्चा की गई है। ए श्रेणी पर चर्चा अंतिम चरण में होगी। ये वो सीटें हैं जहां जहां जीत मिली और कांग्रेस के मंत्री और वरिष्ठ विधायक मैदान में रहे। चर्चा में राज्य इकाई की तरफ से सीटों के कैटेगराइजेशन को केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा गया। जिन 27 सीटों को लेकर चर्चा हुई, उनमें से कुल 22 सीटें ‘बी’ और ‘सी’ कैटेगरी और 5 सीटें ‘डी’ कैटेगरी में रखा गया है। बी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी उम्मीदवार कभी हारे और कभी जीते हैं। ‘सी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जिन्हें पार्टी दो बार से ज्यादा हारी है और ‘डी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी कभी नहीं जीती है।
बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, नितिन नवीन, डॉ.मांडविया, पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, महामंत्री अजय जामवाल, पवन साय, विजय शर्मा और ओपी चौधरी शामिल रहे।