रायपुर। पहली बार में भारत में आयोजित हो रही चेस ओलंपियाड की मशाल रिले शनिवार को छत्तीसगढ़ पहुंची है। माना हवाई अड्डे पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने मशाल रिले और चेस संघ के अधिकारियाें का स्वागत किया। वहां से मशाल को पं. दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम लाया गया है। मसाल रिले के दौरान शहर की सड़कों पर गजब का उत्साह देखा गया।
अर्जुन अवार्डी ग्रेंड मास्टर प्रवीण थिप्से ने ओलंपियाड की मशाल थाम रखी थी। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने राजकीय गमछा ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। उसके बाद मशाल को एक विंटेज कार में रखकर रिली निकाली गई। मोटरसाइकिल सवारों का दस्ता तिरंगा उठाए मशाल के साथ-साथ चला। तेलीबांधा तालाब के पास स्कूली बच्चों ने मशाल रिले पर फूल बरसाए। नगर घड़ी चौक पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने मशाल रिले का स्वागत किया।
हवाई अड्डे पर खेल मंत्री, खेल विभाग के अधिकारियों और ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने कुछ इस तरह किया स्वागत।
हवाई अड्डे पर खेल मंत्री, खेल विभाग के अधिकारियों और ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने कुछ इस तरह किया स्वागत।
जयस्तंभ चौक पर कुछ देर के लिए रैली को रोका गया। यहां आम लोगों ने मशाल के साथ फोटो खिंचवाए। जीई रोड पर बढ़ते हुए मशाल रैली साइंस कॉलेज परिसर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंची। यहां स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है। इस समारोह में ग्रेंड मास्टर प्रवीण थिप्से इस मशाल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपेंगे। रायपुर से यह मशाल चेन्नई भेजी जाएगी।
28 जुलाई से महाबलीपुरम में होगा यह सबसे बड़ा आयोजन
चेस ओलंपियाड को वैश्विक भागीदारी के मामले में ओलंपिक खेलों के बाद सबसे बड़ा खेल आयोजन माना जाता है। इसमें दुनिया भर के 188 देश भाग लेने वाले हैं। चेस ओलंपियाड का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त के बीच तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में हो रहा है।
रूस-यूक्रेन जंग की वजह से मिली है मेजबानी
यह प्रतियोगिता पहले रूस की राजधानी मास्को में होने वाली थी। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आयोजन पर संकट आ गया। उसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने मेजबानी चाही और भारत को यह मेजबानी मिल गई। चेस ओलंपियाड के 95 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत इसकी मेजबानी कर रहा है।