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चीन में मिला अब-तक का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार, धरती से करीब तीन किलोमीटर निचे मिली खदान

नई दिल्ली। चीन में दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार मिला है। हुनान प्रांत में मिले इस भंडार से एक हजार टन से ज्यादा सोना निकलने का अनुमान है। यह खदान धरती से करीब तीन किलोमीटर नीचे मिली है। इतना विशाल स्वर्ण भंडार मिलने से न सिर्फ चीन की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि उसे अपनी घरेलू मांग को पूरा करने में मदद भी मिलेगी।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, हुनान भूविज्ञान अकादमी ने स्वर्ण भंडार की खोज की है। यह भंडार पिंगजियांग काउंटी में है, जहां भूविज्ञानियों ने करीब तीन किलोमीटर की गहराई पर 40 स्वर्ण शिराओं की पहचान की है। तीन किलोमीटर की गहराई में एक हजार टन से ज्यादा सोना होने का अनुमान है। इसकी कीमत करीब 83 अरब डॉलर आंकी गई है। यह संभवत: अब तक का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार है। यह दक्षिण अफ्रीका की साउथ डीप खदान से भी बड़ा है। यहां लगभग 900 टन सोने का भंडार है।

व‌र्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के अनुसार, चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण उत्पादक है। 2023 में दुनिया में कुल सोने के उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी दस प्रतिशत थी। इस वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में चीन ने 741 टन सोने की खपत की, जबकि उत्पादन 268 टन था। इसका मतलब यह हुआ कि उसे घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।

यहां भी सोने का बड़ा भंडार

चीन की हुनान प्रांत से पहले दुनिया के बड़े भंडार दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, रूस, पापुआ न्यू गिनी, चिली, अमेरिका, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और डोमिनिकन गणराज्य सहित कई देशों में फैली खदानों में थे। साउथ डीप गोल्ड माइन, ग्रासबर्ग गोल्ड माइन और ओलंपियाडा गोल्ड माइन जैसी खदानें सोने के उत्पादन और भंडार में अग्रणी रही हैं।

भारत में सोने की बड़ी खदानें

भारत में अधिकांश सोने का भंडार कर्नाटक में है। यहां कोलार एहुट्टी और उटी की खदानों में भारी मात्रा में सोना निकाला जाता है। इनमें कोलार गोल्ड माइंस सबसे मशहूर है। सोने की इस खदान पर फिल्म भी बन चुकी है, जो बेहद सफल रही थी। कोलार गोल्ड फील्ड को 2001 में बंद कर दिया गया। इस खदान से 120 साल के इतिहास में 800 टन से अधिक सोना निकाला गया।

आरबीआई के पास कितना है स्वर्ण भंडार

पिछली कुछ तिमाहियों से दुनियाभर के देश अपना गोल्ड भंडार बढ़ा रहे हैं। इनमें भारत और चीन भी शामिल है। आरबीआई के पास सितंबर के आखिर में 855 टन गोल्ड रिजर्व था। इसकी वजह भू-राजनीतिक तनाव का बढ़ना है, जिसके चलते दुनियाभर के देश डॉलर पर अपनी निर्भरता घटाना चाहते हैं। इसका सबसे अच्छा विकल्प गोल्ड है, क्योंकि यह इसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है। यह महंगाई के खिलाफ भी काफी कारगर हथियार के तौर पर काम करता है।

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