Sydney Dialogue: क्यों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर PM मोदी ने बार-बार दे रहे है चेतावनी, होने वाला है कुछ बड़ा?

नई दिल्ली। देश में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। अधिकाश लोग अब गोल्ड पर निवेश करने की बजाए आज क्रिप्टोकरेंसी पर निवेश करना पसंद कर रहे हैं। वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की वैधता और इसके नियमन को लेकर भारत में चर्चा जोरों पर है। केंद्र की मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर गंभीर है और तेजी से इस संबंध में अपना स्टैंड तैयार भी करने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘सिडनी डायलॉग’ (Sydney Dialogue) में क्रिप्टोकरेंसी पर अहम बयान दिया है। पीएम मोदी ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर युवाओं को चेताया भी है। अहम बात ये भी है कि आखिर क्यों पीएम मोदी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बार-बार चेतावनी दे रहे है। क्या मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर ठोस कदम उठाने जा रही है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रिप्टो करेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि, सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका दुरुपयोग न हो। जानकारी के लिए बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। लेकिन इसके आप 500 और 2000 रुपये के नोट की तरह अपनी जेब में नहीं रख सकते। मगर हां आप इसके जरिए कोई भी सामान खरीद सकते है।
वर्चुअल करेंसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश मिलकर इस पर काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को बिगाड़ सकता है। डिजिटल युग के लाभों को ध्यान में रखते हुए, पीएम ने यह भी कहा कि दुनिया समुद्र के तल से लेकर साइबर से लेकर अंतरिक्ष तक विभिन्न खतरों में नए जोखिमों और संघर्षों के नए रूपों का भी सामना करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। साथ ही हमें कुछ निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि एक लोकतंत्र और एक डिजिटल नेता के रूप में, भारत साझा समृद्धि और सुरक्षा के लिए भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर फिर चेतावनी दी थी। शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने ‘गंभीर चिंता’ पैदा की है।